करें यह उपाय
आज के दिन श्रद्धा भाव से शाम के समय शिव मंदिर में जाकर शिवजी का शुद्ध जल से 108 बार ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जप करते अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को अपार धन की प्राप्ति होने के साथ अमृत्तव भी प्राप्त होता है। कहा जाता हैं कि प्रदोष का व्रत रखने वालें व्यक्ति को 2 गायों के दान करने के बराबर पुण्यफल मिलता है।
प्रदोष व्रत कथा
प्रदोष व्रत के बारे शास्त्रों में कथा आती हैं की एक दिन जब चारों दिशाओं में अधर्म का बोलबाला नजर आयेगा, अन्याय और अनाचार अपना चरम सीमा पर होगा, व्यक्ति में स्वार्थ भाव बढ़ने लगेगा, और व्यक्ति सत्कर्म के स्थान पर छुद्र कार्यों में आनंद लेगा, और इस कारण ऐसे लोग जो पाप के भागी बनेंगे, अगर वे प्रदोष का व्रत करने के साथ भगवान शिवजी की विशेष पूजा करेगा उसके इस जन्म ही नहीं बल्कि अन्य जन्म- जन्मान्तर के पाप कर्म भी नष्ट हो जाते हैं औऱ उत्तम लोक की प्राप्ति के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रदोष व्रत के दिन व्रती को प्रात:काल उठकर नित्य क्रम से निवृत हो स्नान कर शिव जी का पूजन करना चाहिये। पूरे दिन मन ही मन “ऊँ नम: शिवाय” मंत्र का जप करना चाहिए। त्रयोदशी के दिन प्रदोष काल में यानी सूर्यास्त से तीन घड़ी पहले शाम 4:30 बजे से लेकर शाम 7 बजे के बीच की जाती है। व्रती को चाहिये की शाम को दुबारा स्नान कर स्वच्छ श्वेत वस्त्र धारण करें एवं शिव मंदिर में जाकर शिव जी की पूजा विधि-विधान से करने के बाद “ऊँ नम: शिवाय” बोलते हुए शिव जी को शुद्धजल से अभिषेक करें।
इस मंत्र का जप करें
शिवजी का शुद्ध जल से अभिषेक करने के बाद इस मंत्र का 108 बार शिवजी के सामने बैठकर जप करें। भगवान शिवजी आपकी सभी मनोकामना पूरी कर देंगे।
मंत्र- “ऊँ ह्रीं क्लीं नम: शिवाय स्वाहा।
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