– शनि जंयती – 19 मई 2023, शुक्रवार।
– अमावस्या तिथि प्रारंभ – 18 मई 2023 को रात 9 बजकर 42 मिनट से।
– अमावस्या तिथि समाप्त – 19 मई 2023 को रात 9 बजकर 22 मिनट तक।
सूर्य और छाया के पुत्र हैं शनि देव
भगवान शनि देव सूर्य और छाया के पुत्र हैं। उन्हें न्याय का देवता माना जाता है। हर प्रकार के कर्म का फल देने का काम शनि देव का है, इसलिए इन्हें दंडाधिकारी भी कहा जाता है। माना जाता है कि जिस पर शनि देव की अशुभ दृष्टि पड़ जाए, वह राजा से रंक बन जाता है और जिस पर उनका शुभ प्रभाव पड़े, वह अपने जीवन में उच्चतम स्तर को पा लेता है। जीवन में शनि देव की कृपा और उनकी दशा का अपने आप में बड़ा महत्व है। ज्योतिष के अनुसार शनि देव को क्रूर ग्रह यानी पापी ग्रह माना जाता है। नवग्रहों में शनि सबसे धीमी चाल से चलने वाला ग्रह माना जाता है।
मनुष्य पर तीन तरह से असर दिखाते हैं शनि देव
शनि देव मनुष्य पर तीन तरह से असर दिखाते हैं। वे कभी अपने महादशा स्वरूप में, कभी साढ़ेसाती स्वरूप में और कभी अपने ढैया स्वरूप में प्रभाव दिखाते हैं। यदि आप अपने जीवन में शनि की अशुभ दशा से परेशान हैं। तो शनि देव की जयंती पर यदि आप शनि को मना लेते हैं तो, आपके जीवन में शनि से जुड़ी हर परेशानी, हर मुश्किल खुद-ब-खुद दूर हो जाएगी।
इन राशियों पर चल रही है साढ़ेसाती, ढैया, करें ये उपाय
वर्तमान में मकर, कुंभ और मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। वहीं कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैया चल रही है। इसलिए जिन पर शनि की दशा है या महादशा है उन्हें शनि जयंती यानी शनि देव के जन्म दिन पर विधिवत रूप से शनिदेव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। शनि से संबंधित चीजों का दान करें। शनि के मंत्र का जाप करें। शाम को शनि के मंदिर जाकर तिल के तेल का दीपक लगाएं। उड़द से बनी हुई मिठाई का भोग लगाएं। गरीबों और असहाय व्यक्तियों को दान करें। ये सभी उपाय ऐसे हैं जिन्हें शनि जयंती पर करने से शनि देव खुश होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं।
शनि जयंती पर बन रहे दुर्लभ संयोग
इस बार शनि जयंती को बेहद खास माना जा रहा है। शनि जयंती के दिन शोभन नाम का योग बन रहा है। यह योग 19 मई को सुबह से शाम 6 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। इस दिन गुरु और चंद्रमा एक साथ रहेंगे। इसके कारण गजकेसरी योग भी बन रहा है। शनिदेव अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ राशि में विराजे हैं। इसके कारण वे शश नाम का योग बना रहे हैं। यदि इन योगों में शनि देव की सच्चे मन और श्रद्धा से पूजा-अर्चना की जाए, तो शनि देव खुश होंगे और उनकी कृपा से हर अशुभ दोष दूर हो जाएगा।