नक्षत्र: उत्तरा भाद्रपद ‘ध्रुव व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र प्रात: ६.१४ तक, तदुपरांत अंतरात्रि सूर्योदय पूर्व प्रात: ५.५० तक रेवती ‘मृदु व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। इसके बाद अश्विनी नक्षत्र प्रारम्भ हो जाएगा। रेवती व अश्विनी दोनों गंडांत मूल संज्ञक नक्षत्र भी है। गंडांत मूल संज्ञक नक्षत्र में जन्मे जातकों की २७ दिन बाद इन्हीं नक्षत्रों की पुनरावृत्ति होने पर नक्षत्र शांति करा लेना जातकों के हित में होगा।
योग: धृति नामक शुभ योग दोपहर बाद १.५१ तक, इसके बाद शूल नामक नैसर्गिक अशुभ योग रहेगा। शूल नामक योग की प्रथम पांच घटी शुभ कार्यों में त्याज्य हैं। विशिष्ट योग: अंतरात्रि सूर्योदय पूर्व प्रात: ५.५० से दोष समूह नाशक रवियोग नामक शक्तिशाली शुभ योग है। करण: कौलव नामकरण पूर्वाह्न ११.२८ तक, इसके बाद तैतिलादि करण रहेंगे।
शुभ विक्रम संवत् : 2074
संवत्सर का नाम : साधारण
शाके संवत् : 193९
हिजरी संवत् : 143८, मु.मास: जिल्काद-१९
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : वर्षा
मास : भाद्रपद।
पक्ष : कृष्ण। शुभ मुहूर्त: आज रेवती नक्षत्र में विवाह द्विगर्तप्रदेशीय, गृहारम्भ (च.शु.र.), विपणि-व्यापारारंभ व सगाई, रोका आदि के शुभ व शुद्ध मुहूर्त हैं।
श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज प्रात: ७.३८ से ९.१६ तक शुभ तथा दोपहर १२.३२ से सायं ५.२५ तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैंं एवं दोपहर १२.०५ से दोपहर १२.५८ तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
व्रतोत्सव: आज अश्वत्थ मारुति पूजन, पंचक अंतरात्रि ५.५० तक, रक्षा पंचमी (उड़ीसा में) तथा माधवदेव तिथि (असम में) है। चन्द्रमा: चन्द्रमा अंतरात्रि ५.५० तक मीन राशि में, इसके बाद मेष राशि में रहेगा। ग्रह राशि-नक्षत्र परिवर्तन: रात्रि ११.१९ पर शुक्र पुनर्वसु नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। दिशाशूल: शनिवार को पूर्व दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। चन्द्र स्थिति के अनुसार आज उत्तर दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है। राहुकाल: प्रात: ९.०० से १०.३० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारम्भ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (दे, दो, चा, ची, चू, चे) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। अंतरात्रि ५.५० तक जन्मे जातकों की राशि मीन व इसके बाद जन्मे जातकों की मेष राशि है। प्रात: ६.१४ तक जन्मे जातकों का लोहपाद से, इसके बाद जन्मे जातकों का जन्म स्वर्णपाद से हुआ है। सामानय: ये जातक धनी, कलाकार, व्यापार-व्यवसाय में निपुण, बुद्धिमान, सुन्दर, चतुर, सलाहार और सर्वगुणसंपन्न होते हैं। मीन राशि वाले जातकों को धार्मिक अनुष्ठान कार्यक्रम में जाना पड़ सकता है। भाग्योदय होगा। अर्थलाभ व पद-प्रतिष्ठादि का लाभ मिलेगा।