दशहरा पर्व पर रावण के साथ कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का भी दहन किया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार दिवाली से 20 दिन पूर्व दशहरा का पर्व मनाया जाता है। ऐसे में इस वर्ष 2021 में शुक्रवार, 15 अक्टूबर को दशहरा होने के चलते दिवाली का पर्व गुरुवार,04 नवंबर 2021 को कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाएगा।
दरअसल हिंदू धर्म में होली,दीपावली और रक्षाबंधन के समान ही विजयदशमी का भी महत्व है। करीब पूरे भारत वर्ष में उत्तर से दक्षिण तक सभी वर्ण और वर्ग के लोग इस त्यौहार को धूमधाम से मनाते हैं। प्राचीन काल से ही इसे क्षत्रियों, राजाओं और वीरों का विशेष त्यौहार माना जाता रहा है। इस दिन अस्त्र-शस्त्रों, घोड़ों और वाहनों की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन ब्राह्मण देवी मां सरस्वती का पूजन और क्षत्रिय शस्त्र पूजन करते है।
Must Read- शारदीय नवरात्रि 2021 : नवमी पर घर में हवन करने की सरल विधि दुर्गा विसर्जन, अपराजिता पूजन, विजय-प्रयाण, शमी पूजन व नवरात्र पारण इस पर्व के महान कर्म माने जाते हैं। इस दिन संध्या के समय नीलकंठ का दर्शन अत्यंत शुभ माना जाता है। इस पर्व के लिए श्रवण नक्षत्र प्रदोष व्यापिनी और नवमी सहित दशमी प्रशस्त होती हैं। अपराह्नकाल, श्रवण नक्षत्र और दशमी की शुरुआत विजय यात्रा का मुहूर्त माना गया है।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार विजयदशमी के दिन ही रावण का राम के हाथों अंत होने के साथ ही रावण के अत्याचारों का अंत हुआ था। इस पर्व को सत्य की, असत्य पर जीत के रूप में भी देखा जाता है। हिंदुओं के अनुसार इसी दिन मां दुर्गा ने भी महिषासुर नामक राक्षस का संहार भी किया था।
Must read- Karwa Chauth 2021: करवा चौथ इस बार क्यों है बेहद खास? IMAGE CREDIT: patrika बंगाल में यह उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। बंगाली इस दिन नौ दिन के दुर्गा और काली पूजन के बाद मूर्तियों का नदियों में विसर्जन भी बड़ी धूमधाम से करते हैं साथ ही शोभायात्रा भी निकालते हैं। देश के विभिन्न स्थानों पर इस पर्व से कुछ दिन पहले से रामलीलाओं का आयोजन किया जाता है। वहीं इस दिन सूर्यास्त होते ही रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं। भगवान राम ने इसी दिन लंका पर विजय प्राप्त की थी।
दशहरा 2021:पूजा का मुहूर्त
पंडित एके शुक्ला के अनुसार साल 2021 में शुक्रवार, अक्टूबर 15 को दशहरा पर्व मनाया जाएगा। इस दिन मकर राशि में चंद्रमा और श्रवण नक्षत्र रहेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन 02:02 PM से 02:48 PM तक विजय मुहूर्त का योग रहेगा। दशमी की तिथि को शुभ कार्य करने के लिए भी उत्तम माने जाने के तहत इसे अबुझ मुहूर्त का दिन भी माना गया है। आश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि की शुरुआत 14 अक्टूबर 2021 को 06:52 PM से और समाप्ति 15 अक्टूबर, 2021 को 06:02 PM पर होगी।
पंडित एके शुक्ला के अनुसार साल 2021 में शुक्रवार, अक्टूबर 15 को दशहरा पर्व मनाया जाएगा। इस दिन मकर राशि में चंद्रमा और श्रवण नक्षत्र रहेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन 02:02 PM से 02:48 PM तक विजय मुहूर्त का योग रहेगा। दशमी की तिथि को शुभ कार्य करने के लिए भी उत्तम माने जाने के तहत इसे अबुझ मुहूर्त का दिन भी माना गया है। आश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि की शुरुआत 14 अक्टूबर 2021 को 06:52 PM से और समाप्ति 15 अक्टूबर, 2021 को 06:02 PM पर होगी।
इस दिन सुबह प्रात:काल देवी का विधिवत पूजन करके नवमी सहित दशमी में विसर्जन और नवरात्र का पारण करना चाहिए। अपराह्न बेला में ईशान कोण में शुद्ध भूमि पर चंदन, कुंकुम आदि से अष्टदल कमल बनाकर संपूर्ण सामग्री से विधिपूर्वक अपराजिता देवी के साथ जया और विजया देवियों के पूजन का भी विधान है।
Must read- Shani ka Parivartan-शनि का परिवर्तन: मार्गी शनि इन राशियों को देंगे दंड? दशहरे के दिन शमी वृक्ष के पास जाकर विधिपूर्वन शमी देवी का पूजन करके जड़ की मिट्टी लेकर वाद्ययंत्रों सहित वापस लौटना चाहिए और यह मिट्टी किसी पवित्र स्थान पर रखनी चाहिए। इस दिन शमी के टूटे हुए पत्तों अथवा डालियों की पूजा नहीं करनी चाहिए।
ऐसा माना जाता है की आश्विन शुक्ल दशमी को तारा उदय होने के समय ‘विजय’ नामक काल होता है। यह काल सब कार्यों को सिद्ध करने वाला होता है। इस पर्व को भगवती के ‘विजया’ नाम के कारण भी ‘विजयादशमी’ कहते हैं। साथ ही इस दिन भगवान राम ने रावण को हराकर उस पर विजय प्राप्त की थी, इसलिए भी इसे विजयदशमी कहते हैं।
कालिका पुराण के अनुसार रावण वध की कृतज्ञता प्रकट करने के लिए देवताओं ने इस दिन देवी की सेवा में विशेष पूजन-सामग्री चढ़ाई थी। जिसके बाद विजयदशमी के दिन उन्होंने देवी को स्थापित कर दिया था।