फाइनेंस

देश के 3 लाख बैंक कर्मियों हड़ताल, कामकाज हुआ पूरी तरह से ठप

बैंकों ऑफ बड़ौदा समेत कई बैंकों का कामकाज हुआ पूरी तरह से प्रभावित
बैंक कर्मिंयों ने बैड लोन और कर्ज गबन करने वालों पर की कार्रवाई की मांग

Oct 22, 2019 / 03:07 pm

Saurabh Sharma

नई दिल्ली। देश भर के सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के करीब 3,00,000 बैंक कर्मियों ने 10 सरकारी बैंकों को मिलाकर चार बैंक बनाने के विरोध में मंगलवार को काम करने से इनकार कर दिया। इससे सामान्य बैंकिंग कामकाज प्रभावित हुए हैं। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के अनुसार, चेक की क्लियरिंग प्रभावित हुई, क्योंकि बैंकों द्वारा चेक का संग्रह नहीं किया जा सका और उसे नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन के पास मंजूरी के लिए नहीं भेजा जा सका। सरकारी कोष के लेनदेन भी प्रभावित हुए हैं।

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बैंक कर्मियों ने बैड लोन की वसूली और कर्ज का गबन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। हड़ताल का आह्वान दो यूनियनों अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) और भारतीय बैंक कर्मचारी महासंघ (बीईएफआई)- ने किया है। यहां जारी एक बयान में एआईबीईए ने छह महत्वपूर्ण राष्ट्रीयकृत बैंकों यानी आंध्र बैंक, इलाहाबाद बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, सिंडिकेट बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को बंद करने के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध की घोषणा की।

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एआईबीईए के महासचिव सीएच वेंकटाचलम ने एक बयान में कहा, “भारत में बैंकों का विलय पूरी तरह से अनुचित है, क्योंकि हमें लोगों की सेवा करने के लिए अधिक बैंकिंग सेवाओं और अधिक शाखाओं को खोलने की जरूरत है। विलय के परिणामस्वरूप बैंक की शाखाएं बंद हुईं और इस वजह से यह एक गलत नीति है।”

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