सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ये बयान
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आईबीसी संहिता की संवैधानिक वैधता बरकरार रखते हुए कहा था कि डिफॉल्टरों का आनंदलोक अब खत्म हो चुका है और अर्थव्यवस्था की यथोचित स्थिति एक बार फिर हासिल कर ली गई है। जेटली ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का शुक्रवार को स्वागत किया। इसके साथ ही कोर्ट ने आईबीसी कानून की धारा 29ए को लेकर कहा कि किसी समाधान आवेदक का उसकी समाधान योजना को मंजूर किए जाने और उस पर विचार किए जाने का कोई निहित अधिकार नहीं है।
जेटली का ट्वीट
जेटली ने ट्वीट किया कि, ‘कर्ज नहीं चुकाने वाले डिफॉल्टर प्रवर्तकों को बोली लगाने से रोकने का प्रावधान नैतिक और उचित दोनों है। ऐसा नहीं होगा तो डिफॉल्टर प्रवर्तकों का कंपनी पर नियंत्रण बना रहेगा और सिर्फ बैंक को नुकसान उठाना पड़ेगा।’
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