सरकार ने खुद दी जानकारी आपको बता दें कि यह जानकारी देश के वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने संसद में दी। वित्त वर्ष 2017-18 में 18 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने मिनिमम पेनल्टी बैलैंस का चार्ज लगाकर 3,368.42 करोड़ रुपये हासिल किए थे। जबकि, 2016-17 के दौरान सरकारी बैंकों के खाताधारकों से 790.22 करोड़ रुपये प्राप्त किए। जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में यह आंकड़ा 1996.46 करोड़ रुपए का रहा है।
SBI ने कम की थी जुर्माने की राशि मिनिमम बैलेंस पर पेनल्टी को लेकर देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया काफी सुर्खियों में रहा था। जिसमें बाद बैंक ने जुर्माने की रकम को घटा दिया था। आपको बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक साल 2012 तक मिनिमम बैलेंस पर पेनल्टी वसूलता था। लेकिन मिनिमम बैलेंस बरकरार न रखने पर ग्राहकों से भारी-भरकम जुर्माना वसूलने पर आलोचना के चलते SBI ने 1 अक्टूबर 2017 से जुर्माना घटा दिया था।
इन खातो पर नही लगता है जुर्माना सरकार ने बताया कि बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट्स में मिनिमम बैलेंस बरकरार न रखने पर कोई जुर्माना नही लगता है। इनमें प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खुले अकाउंट भी शामिल हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक मार्च 2019 तक देश में 57.3 करोड़ बेसिक सेविंग अकाउंट थे, जिनमें से 35.27 करोड़ जनधन खाते थे। जिनपर किसी तरह का कोई जुर्माना नहीं लगाया है।