जीएसटी का असर हुआ खत्म
फिक्की ने अर्थशास्त्रियों के सहयोग से तैयार किए गए अपने आर्थिक आउटुलक सर्वेक्षण के हवाले से कहा, “जीएसटी से संबंधित अनुपालन भार को कम करने तथा कार्यान्वयन को आसान बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए कदमों, बैंकों के पुनर्पूजीकरण की योजना और अवसंरचना क्षेत्र पर जोर को सर्वेक्षण में शामिल भागीदारों द्वारा स्वीकार किया गया है, जो सरकार द्वारा विकास को रोकने वाले प्रमुख मुद्दों को हल करने के संकल्प को दिखाता है।”
बढ़ेगा वित्तीय घाटा
फिक्की ने कहा, “आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि उच्च ब्याज दरों की भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा निश्चित रूप से समीक्षा की जानी चाहिए, क्योंकि यह विकास दर और रुपए के मूल्य को प्रभावित कर रही है।”उन्होंने अनुमान लगाया कि चालू वित्त वर्ष में बजटीय वित्तीय घाटा थोड़ा बढ़कर 3.3 फीसदी के आसपास रहेगा। सरकार ने इसे 3.2 फीसदी पर रखने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
महंगाई में भी होगी बढ़ोतरी
सर्वेक्षण में बताया गया कि चालू वित्त वर्ष में थोक मुद्रास्फीति 2.8 फीसदी के आसपास रहने की संभावना है और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) या खुदरा महंगाई थोड़ा बढ़कर 3.4 फीसदी के आसपास होने की संभावना है। फिक्की के मुताबिक, देश में महंगाई बढ़ने का मुख्य कारण आपूर्ति में कमी है। कुछ अर्थशास्त्रियों ने कहा कि आरबीआई द्वारा महंगाई को काबू में रखने का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है, वह सही दृष्टिकोण नहीं हो सकता है।