इस सुविधा का लाभ वे सभी कर्जदार ले सकते हैं जिन्हें कोरोनावायरस की वजह से परेशानी हो रही है। इसमें होम लोन, व्हीकल लोन या पर्सनल लोन लेने वाले व्यक्तिगत कर्जदाता समेत कंपनियां भी शामिल हैं।
अगर आपने लोन मोरेटोरियम खत्म होने के बाद भी किश्त अदा नहीं कर पा रहे हैं तो आप अपने बैंक से इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं। हालांकि ये बैंक तय करेगा कि वह ये फैसिलिटी किसे देना चाहता है। इसके लिए वह आपका लोन प्रोफाइल चेक करेंगे। रिस्ट्रक्चरिंग में आपको लोन की समय सीमा आगे बढ़ाने का विकल्प मिलता है। जैसे— आपने अगर कोई लोन पहले से ले रखा है, जिसकी ईएमआई 10 हजार महीना है। आपने 4 महीने इसकी किश्त नहीं भरी है तो बैंक आपके इस 4 महीने को उस 5 साल में बढ़ा देगा। इससे आपको लोन चुकाने के लिए ज्यादा वक्त मिल जाएगा।
लोन मोरेटोरियम में किश्त न चुकाने की छूट दी गई थी। हालांकि इस दौरान जो भी ब्याज बनता, वह बैंक आपके मूल धन में जोड़ देता है। ऐसे में जब ईएमआई दोबारा देना शुरू करेंगे तो आपको पूरा बकाया चुकाना होगा। जबकि लोन रीस्ट्रक्चरिंग में आपको हर महीने का ब्याज नहीं चुकाना होगा। इसमें केवल लोन की अवधि बढ़ जाएगी। इसलिए आपको ज्यादा समय तक किश्त चुकानी होगी। मगर ऐसा करने से आपकी मंथली ईमाआई कम भी करा सकते हैं।
लोन रीस्ट्रक्चरिंग का फायदा सभी पर्सनल और कॉरपोरेट लोन्स (Corporate Loans) के लिए है, जो मौजूदा संकट से गुजर रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) सिर्फ उन्हीं कर्जदारों के लोन को रीस्ट्रक्चरिंग करने की अनुमति दी है जिनका 1 मार्च, 2020 की स्थिति में 30 दिन से ज्यादा का डिफॉल्ट नहीं था। पुराने डिफॉल्टर इस सुविधा का लाभ नहीं ले सकते हैं।