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बैंकों से दूर हो रहे छोटे उद्योग, माइक्रोफाइनेंस से लोन लेने वालों की संख्या बढ़ी

पिछले साल 30 सितंबर की तुलना में इस साल 30 सितंबर तक माइक्रोफाइनेंस उद्योग की ओर से दिया गया कुल ऋण 51 फीसदी बढ़कर 1,46,741 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है।

नई दिल्लीDec 03, 2018 / 03:44 pm

Manoj Kumar

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नई दिल्ली। छोटे ऋण देने वाली कंपनियों यानी माइक्रोफाइनेंस उद्योग का कारोबार एक साल पहले की तुलना में 51 फीसदी तथा ऐसे ऋण खातों की संख्या 27 फीसदी बढ़ी है। माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशंस नेटवर्क (एमएफआईएन) की ओर से सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल 30 सितंबर की तुलना में इस साल 30 सितंबर तक माइक्रोफाइनेंस उद्योग की ओर से दिया गया कुल ऋण 51 फीसदी बढ़कर 1,46,741 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। इस दौरान ऋण खातों की संख्या 7.77 करोड़ पर पहुंच गई, जो एक साल पहले की तुलना में 27 फीसदी ज्यादा है।

अब ग्राहकों को मिल रहा ज्यादा ऋण

गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी की श्रेणी में पंजीकृत माइक्रोफाइनेंस संस्थानों (एनबीएफसी-एमएफआई) की ओर से दिया गया कुल ऋण भी एक साल में 50 फीसदी बढ़कर 54,018 करोड़ रुपए हो गया। एनबीएफसी-एमएफआई के ऋण खातों की संख्या 32.9 फीसदी की वृद्धि के साथ 30 सितंबर 2018 को 3.43 करोड़ हो गई। इससे पता चलते है कि प्रति खाता अब ग्राहकों को ज्यादा ऋण दिया जा रहा है। पिछले एक साल में माइक्रोफाइनेंस उद्योग पर जोखिम में पड़े ऋण का दबाव कम हुआ है। तीस दिन से ज्यादा से नहीं चुकाए गए ऋण यानी पोर्टफोलियो एट रिस्क समग्र उद्योग के लिए घटकर 0.99 फीसदी रह गया है। वहीं एनबीएफसी-एमएफआई के मामले में यह आंकड़ा 30 सितंबर 2017 के 2.87 फीसदी से घटकर 1.01 फीसदी पर आ गया है।

ऋण खातों की गुणवत्ता में अच्छा सुधार

एमएफआईएन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हर्ष श्रीवास्तव ने पिछली तिमाही की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ऋण खातों की गुणवत्ता में पिछले एक साल में अच्छा सुधार हुआ है। यह उद्योग के लिए काफी उत्साहजनक संकेत है। साथ ही एनबीएफसी-एमएफआई समेत पूरे उद्योग में ऋण उठाव भी तेजी से बढ़ा है। हमें उम्मीद है कि आने वाली तिमाहियों में भी यह गति बनी रहेगी। छोटे ऋण कारोबार में 30 सितंबर 2018 को एनबीएफसी-एमएफआई की हिस्सेदारी 37 फीसदी, बैंकों की 33 फीसदी, लघु वित्त बैंकों की 17 फीसदी, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की 12 फीसदी और गैर-लाभकारी लघु ऋण संस्थानों की एक फीसदी रही।

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