AIF के रुप में दिया जाएगा फंड
आपको बता दें कि सरकार के इस फैसले का सबसे ज्यादा फायदा दिल्ली-NCR में लटके हुए हाउसिंग प्रॉजेक्ट्स को मिलेगा। इसके साथ ही सरकार के इस कदम से देश में रोजगार बढ़ने की संभावना है। यह फंड अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड के रुप में दिया जाएगा। इसमें 10000 करोड़ रुपये सरकार की ओर से निवेश किए जाएंगे। वित्त मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि यह फंड एक स्पेशल विंडो के तौर पर दिया जाएगा। नकदी की तंगी से जूझ रही व्यवहारिक परियोजनाओं को ही इस कोष से धन उपलब्ध कराया जाएगा।
यहां से मिलेगी 15,000 करोड़ की मदद
इसके अलावा शेष 15,000 करोड़ रुपए का फंड देश की सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी की ओर से दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने बैठक में जानकारी देते हुए बताया कि इस संबध में आरबीआई से बातचीत हो गई है जल्द ही आरबीआई की ओर से इस पर स्पष्टीकरण जारी किया जाएगा।
ऐसे मिलेगा फंड
इसके साथ ही सीतारमण ने जानकारी देते हुए कहा कि यह फंड सीधे प्रोजेक्ट बिल्डर को नहीं दिया जाएगा बल्कि एक अलग खाते (एस्क्रो) में यह राशि रखी जाएगी। इस धनराशि पर क्षेत्र के लिए गठित विशेषज्ञ समिति की नजर रहेगी, जिससे कि इस धन का उपयोग सिर्फ प्रोजेक्ट को पूरा करने में ही किया जाए। जिस तरह से निर्माण कार्य किया जाएगा। उसी तरह खाते में राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी। एसबीआई कैपिटल एस्क्रो अकाउंट के जरिए AIF को शुरुआती तौर पर मैनेज करेगा
1600 प्रोजोक्ट्स अटके हुए हैं
आपको बता दें कि इस समय देश में लगभग 1600 से ज्यादा प्रोजोक्ट्स अटके पड़े हुए हैं। इसमें लगभग 4.58 लाख से भी ज्यादा यूनिट हैं। इन सभी को पूरा करने के लिए वित्त मंत्री ने फंड देने का ऐलान किया है। 40000-60000 यूनिट्स को तुरंत प्रभाव से इस फंड के जरिए फायदा होगा। इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि इस फंड में सॉवरेन फंड, पेंशन फंड से भी भागीदारी करने पर बात की जाएगी की भी मदद ली जाएगी।
इकोनॉमी को मिलेगी राहत
इसके साथ ही वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि यह राहत शुरुआती तौर पर है आगे चलकर फंड को बढ़ाया भी जा सकता है। इसके साथ ही सरकार के इस कदम से रियल एस्टेट सेक्टर के साथ-साथ देश की इकोनॉमी को भी रफ्तार मिलेगी। इस फैसले का उद्देश्य अर्थव्यवस्था के इस प्रमुख क्षेत्र पर बने दबाव से उसे राहत पहुंचाना भी है।