
Post Office: पोस्ट ऑफिस की सभी स्कीमों पर मिल रहा अच्छा रिटर्न, ऐसे उठा सकते हैं फायदा
नई दिल्ली।
Post Office Small Saving Scheme: छोटी-छोटी बचत ही संकट के समय काम आ सकती है। ऐसे में पोस्ट ऑफिस ( Post Office ) में छोटी बचत ( Small Saving Schemes ) करना फायदे का सौदा साबित हो सकता है। बता दें कि पोस्ट ऑफिस ( Post Office Scheme ) में आपका पैसा 100 फीसदी सुरक्षित रहता है। इसलिए आप बिना जोखिम के निवेश कर सकते हैं। सबसे अच्छी बात है कि इन योजनाओं में आपको बैंक से भी ज्यादा ब्याज मिल रहा है। पोस्ट ऑफिस पब्लिक प्रोविडेंट फंड ( POPPF ), पोस्ट ऑफिस सीनियर सिटीजन स्कीम ( POSCS ), सुकन्या समृद्धि योजना ( SSY ), पोस्ट ऑफिस रेकरिंग डिपॉजिट ( Post Office RD ) जैसे कई स्कीम में बहुत कम पैसे से निवेश की शुरुआत की जा सकती है।
जानिए पोस्ट ऑफिस की बचत योजनाओं की ब्याज दरें
बता दें कि पोस्ट ऑफिस बचत खाता में 4 फीसदी का ब्याज मिल रहा है। वहीं, पोस्ट ऑफिस रिकारिंग डिपॉजिट में 5.8 की दर से ब्याज दिया जा रहा है। पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम पर इस वक्त 6.6 फीसदी का ब्याज दिया जा रहा है। पोस्ट ऑफिस की 1 वर्षीय टाइम डिपॉजिट पर 5.5 फीसदी, पोस्ट ऑफिस की 2 वर्षीय टाइम डिपॉजिट पर 5.5 फीसदी, 3 वर्षीय टाइम डिपॉजिट पर 5.5 फीसदी का ब्याज दिया जा रहा है। वहीं, ऑफिस की 5 वर्षीय टाइम डिपॉजिट पर 6.7 फीसदी ब्याज मिल रहा है।
पोस्ट ऑफिस रेकरिंग डिपॉजिट स्कीम ( Post Office Recurring Deposit )
पोस्ट ऑफिस की रेकरिंग डिपॉजिट स्कीम में छोटी-छोटी किस्तों में जमा राशि पर अच्छा रिटर्न मिलता है। पोस्ट ऑफिस रेकरिंग डिपॉजिट अकाउंट पांच साल के लिए खोल सकते है। फिलहाल इस स्कीम में 5.8 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है।
पोस्ट ऑफिस पब्लिक प्रोविडेंट फंड ( PPF )
पोस्ट ऑफिस की पब्लिक प्रोविडेंट फंड में जमा राशि पर सालाना 7.9 फीसदी की दर से ब्याज मिलता हे। इसमें व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख का निवेश कर सकते हैं। स्कीम में पैसे जमा आप एकमुश्त राशि या 12 किस्तों में कर सकते हैं। इसमें मैच्योरिटी की अवधि 15 साल है।इसमें ज्वॉइंट अकाउंट नहीं खोला जा सकता और भारत का एक नागरिक एक अकाउंट ही खोल सकता है।
पोस्ट ऑफिस सीनियर सिटीजन स्कीम ( SCSS )
पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजन योजना के लिए 60 साल या उससे अधिक आयु के लोग आवेदन कर सकते हैं। इस योजना में जमा राशि पर 7.4 फीसदी दर ब्याज का मिलता है। प्रिंसिपल के लिए 5 साल की लॉक-इन अवधि होती है, लेकिन जुर्माना अदा करने के बाद एक वर्ष पूरा होने के बाद समय से पहले निकासी की अनुमति दी जाती है। इस योजना में अधिकतम 15 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है। एक वरिष्ठ नागरिक युगल संयुक्त रूप से 30 लाख रुपये तक का निवेश कर सकता है
Updated on:
17 Jul 2020 04:15 pm
Published on:
17 Jul 2020 04:13 pm
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