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जब्त होगी घोटालेबाजों की संपत्ति, राष्ट्रपति ने दी नए अध्यादेश को मंजूरी

अध्यादेश के प्रावधानों के तहत सरकारी एजेंसियां भगोड़े आर्थिक अपराधियों की चल एवं अचल संपत्ति कुर्क कर सकेंगी और उसकी नीलामी भी कर सकेंगी।

नई दिल्लीApr 22, 2018 / 03:09 pm

Manoj Kumar

President of india
नई दिल्ली। भगोड़े आर्थिक अपराधियों की संपत्ति कुर्क करने या जब्त करने संबंधी अध्यादेश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ ही इसके प्रावधान अमल में आ गए हैं। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भगोड़े आर्थिक अपराधियों की सम्पत्ति कुर्क करने या जब्त करने के प्रावधान वाले अध्यादेश को शनिवार को स्वीकृति देकर राष्ट्रपति के पास भेजा था। अध्यादेश के प्रावधानों के तहत सरकारी एजेंसियां भगोड़े आर्थिक अपराधियों की चल एवं अचल संपत्ति कुर्क कर सकेंगी और उसकी नीलामी भी कर सकेंगी ताकि सरकारी खजाने को हुए नुकसान की भरपाई की जा सके। इसके तहत भगोड़ा आरोपी किसी सिविल अदालत में अपना बचाव नहीं कर सकेगा।
केंद्रीय मंत्रीमंडल ने शनिवार को दी थी मंजूरी

विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़े आर्थिक अपराधियों की चल एवं अचल संपत्ति कुर्क करने और उसकी नीलामी करके सरकारी खजाने को होने वाले नुकसान की भरपाई करने के उद्देश्य से केंद्रीय कैबिनेट ने शनिवार को इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी। इस अध्यादेश में सरकारी एजेंसियों को भगोड़ा आर्थिक अपराधियों की संपत्ति कुर्क या जब्त करने का अधिकार देने की बात कही गई है। अध्यादेश के जरिए धनशोधन रोकथाम अधिनियम, 2002 में संशोधन कर एक ‘विशेष अदालत’ का प्रावधान किया जाएगा। किसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने का अधिकार इस विशेष अदालत के पास होगा। इसके बाद अपराधी की निजी संपत्ति तथा गलत तरीके से कमाई गए संपत्ति को जब्त किया जा सकेगा। जब्ती के बाद एक प्रशासक की नियुक्ति की जाएगी, जो जब्त या कुर्क संपत्ति का प्रबंधन करेगा और उसकी नीलामी कर सकेगा।
भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक 2018 के स्थान पर आएगा नया विधेयक

यह अध्यादेश लोकसभा में विगत 12 मार्च को पेश किए गए भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक 2018 के स्थान पर लाया गया है। चूंकि लोकसभा में विपक्ष के लगातार हंगामे के कारण कोई कामकाज नहीं होने पाने से कई बार इस विधेयक को सूचीबद्ध किए जाने के बावजूद इसे बहस के बाद पारित नहीं किया जा सका था। सूत्रों ने बताया कि इस अध्यादेश में केवल उन मामलों को ही विचार के लिए लिया जाएगा, जिनमें गबन की कुल राशि सौ करोड़ रुपए या अधिक होगी। चूंकि इन मामलों की सुनवाई धनशोधन निरोधक कानून 2002 के अंतर्गत विशेष अदालतों में होगी जिससे अध्यादेश के कार्यान्वयन में कोई अतिरिक्त खर्च नहीं आएगा।
भगोड़ा घोषित होने से पहले देश लौटने पर कुर्क नही होगी संपत्ति

अध्यादेश में यह प्रावधान भी है कि अगर किसी के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही शुरू होती है और उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के पहले ही वह आरोपी स्वदेश लौट आता है और सक्षम अदालत में पेश हो जाता है तो उसकी संपत्ति की कुर्की इत्यादि की कार्यवाही तत्काल रुक जाएगी।इस अध्यादेश से देश में बैंकों से लंबे चौड़े ऋण लेकर वापस नहीं करने और कानून से बचने के लिए विदेश भाग जाने की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी।

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