
Current Account Rules
नई दिल्ली। करंट बैंक खाते से जुड़े नियमों को लेकर आरबीआई (RBI) ने बड़ा ऐलान किया है। अब कंपनियों को उस बैंक में करंट अकाउंट (Current Account) या ओवरड्राफ्ट अकाउंट (Overdraft Account) खुलवाना अनिवार्य होगा, जिससे वे कर्ज ले रही हैं। इससे बैंक कंपनी के कैश फ्लो और ट्रांजैक्शन पर नजर रख सकेंगी। जिससे घपलेबाजी की आशंका नहीं रहेगी। पहले ये नियम 5 नवंबर से लागू होने वाले थे, लेकिन अब ये 15 दिसंबर से प्रभावी होंगे।
आरबीआई ने बैंकों को भी कुछ हिदायत दी है। इसके तहत बैंकों से से कहा गया है कि वे करंट अकाउंट के आधार पर कर्ज न दें। बल्कि इसके लिए कंपनी को सीधे भुगतान करें। ऐसा करने पर लोन की रकम की हेराफेरा पर लगाम लगेगी। बैंकर्स के मुताबिक, अभी तक ये साफ नहीं है कि नियमों को किस तरह से अमल में लाया जाएगा। हालांकि वे आरबीआई की गाइडलाइन का पालन करेंगे। इससे सरकारी बैंकों को ज्यादा लाभ होने की उम्मीद है।
क्या है करंट अकाउंट
करंट अकाउंट बिजनेस करने वालों के लिए होता है। इस खाते के जरिए रोजमर्रा के बिजनेस ट्रांजेक्शन किए जाते हैं। करंट अकाउंट में पड़े पैसे को किसी भी समय बैंक की शाखा या एटीएम से निकाला जा सकता है। इसमें खाताधारक कितनी भी बार चाहें पैसे निकाल व जमा कर सकते हैं। इसमें कोई लिमिट नहीं होती है। हालांकि सेविंग बैंक अकाउंट में जहां आपको बैलेंस पर ब्याज मिलता है। वहीं, चालू खाते यानी करंट अकाउंट के बैलेंस पर कोई ब्याज नहीं मिलता है। इस तरह का खाता खुलवाने के लिए आवेदक के पास वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं।
चालू खाते से जुड़े नियम
1.जिन कंपनियों ने 5 करोड़ रुपए से कम लोन लिया है वो किसी भी बैंक में चालू खाता खुलवा सकती हैं।
2.जिन कंपनियों ने 5 से 50 करोड़ रुपए तक का लोन लिया है वे सिर्फ कर्जदाता बैंक में ही चालू खाता खुलवा सकती हैं। नॉन-लेंडिंग बैंक ऐसी कंपनियों का सिर्फ कलेक्शन अकाउंट खोल सकते हैं यानी इनमें सिर्फ पैसा आ सकता है।
3.50 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज लेनी वाली कंपनी कर्जदाता बैंक में एस्क्रो अकाउंट खुलवा सकती है। ऐसी कंपनी का दूसरे बैंक कलेक्शन अकाउंट खोल सकते हैं।
Published on:
04 Nov 2020 01:29 pm
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