महंगाई दर को ध्यान में रखते हुए लिया फैसला
प्राप्त जानकारी के अनुसार आरबीआई खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखते हुए ब्याज दरों पर फैसला करता है। कई महीनों की गिरावट के बाद फरवरी में खुदरा महंगाई दर में मामूली बढ़त देखने को मिली और यह 2.57 फीसदी पर पहुंच गई थी। खुदरा महंगाई दर का यह चार माह का उच्चस्तम स्तर है। हालांकि सालाना आधार पर महंगाई दर अब भी कम है। यही वजह है कि आरबीआई पर ब्याज दरों में कटौती का दबाव था. बता दें कि जुलाई 2018 से लेकर जनवरी 2019 के बीच लगातार महंगाई में गिरावट आई है।
लोन हो जाएगा सस्ता
आरबीआई के रेपो रेट के कम करने से लोन लेना और सस्ता हो जाएगा। होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन की ब्याज दरों में गिरावट आ जाएगी। अब बैंक आरबीआई के इस फैसले के बाद अपनी दरों में गिरावट करेंगे। आपको बता दें कि फरवरी के महीने में आरबीआई की ओर से रेपो रेट में कटौती की गई थी। जिसके बाद सभी बैंकों ने अपने लोन की ब्याज दरों को कम कर दिया था।
आरबीआई ने लगाया जीडीपी का अनुमान
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने देश की जीडीपी का अनुमान लगाते हुए कहा कि भारत की जीडीपी वित्तीय वर्ष 2019-20 में 7.2 फीसदी रहने का अनुमान है। उन्होंने वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी दर 6.8 से 7.1 फीसदी तक रहने का अनुमान लगाया है। वहीं दूसरी छमाही में देश की जीडीपी दर 7.3 से 7.4 फीसदी तक रहने का अनुमान लगाया है।
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