रिपोर्ट में जताया अनुमान
एक विदेशी ब्रोकरेज कंपनी ने केंद्रीय बैंक की परिसम्पत्तियों ‘संकटकालीन-परख’ के आधार पर अपनी एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है। इस तरह की रिपोर्ट हैं कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता में गठित समिति अपनी रिपोर्ट करीब करीब तैयार कर चुकी है और जल्द ही इसे सौंप सकती है।
अतिरिक्त पूंजी को किया जाएगा शामिल
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने कहा है कि समिति रिजर्व बैंक के पास उपलब्ध जिस कोष के बारे में अपनी सिफारिशें सौंपेगी। उसमें आपात आरक्षित कोष में उपलब्ध अतिरिक्त पूंजी और पुनर्मूल्यांक जोखिम से निपटने के लिए आरक्षित कोष को भी शामिल किया गया है।
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सितंबर 2018 में पहुंचा 9.6 लाख करोड़ पर
पिछले साल सितंबर तक रिजर्व बैंक के पास उपलब्ध बफर पूंजी का आंकड़ा 9.6 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया था। बैंक आफ अमेरिका मेरिल लिंच की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हमारे अनुमान के मुताबिक रिजर्व बैंक के पास इस समय जरूरत से ज्यादा बफर पूंजी एक से तीन लाख करोड़ रुपए तक हो सकती है।
रिपोर्ट में दी जानकारी
विदेशी ब्रोकरेज फर्म की रिपोर्ट में कहा गया है कि आपात आरिक्षत कोष को उसके मौजूदा 6.5 प्रतिशत के स्तर से आधा कर 3.25 प्रतिशत पर लाये जाने से 1.28 लाख करोड़ रुपए की राशि मुक्त हो सकती है। इसके पीछे यह तर्क दिया गया है कि विकासशील देशों के समूह ब्रिक्स के देशों में केन्द्रीय बैंक जिस अनुपात में आपात कोष रखते हैं, उसके हिसाब से रिजर्व बैंक अब भी 50 प्रतिशत अधिक कोष रखता है।
पहले की तुलना में देगा कम राशि
इसी प्रकार प्रतिफल से प्राप्त कवर को मौजूदा 9 फीसदी घटाकर आधा करने यानि 4.5 फीसदी पर लाने से केन्द्रीय बैंक से 1.17 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि अर्थतंत्र में जारी हो जाएगी।