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बुढ़ापे में उम्मीदों का आशियाना बने सीनियर लिविंग होम्स

आज, वरिष्ठ नागरिक अपनी शर्तों पर और अपनी पसंद के स्थान पर रिटायर जिंदगी जीना चाहते हैं।

नई दिल्लीAug 17, 2017 / 02:47 pm

आलोक कुमार

Old age homes

नई दिल्ली। समय बदल गया है और इसके साथ ही रिटायरमेंट के मायने भी बदल गए हैं। आज, वरिष्ठ नागरिक अपनी शर्तों पर और अपनी पसंद के स्थान पर रिटायर जिंदगी जीना चाहते हैं। वहीं, दूसरी ओर भारत की युवा पीढ़ी अधिक से अधिक काम कर रही है और अपने बूढ़े माता-पिता की जिम्मेदारी से मुक्त होकर एक स्वतंत्र जीवन जीने का इच्छुक है। बदलते दौर में वरिष्ठ नागरिक भी एक स्वतंत्र जीवन जीने में अधिक दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इसके लिए वे अकेले रहने के लिए भी तैयार हैं। इस बदलती सोच ने देश में रिटायरमेंट हो स के बढ़ते रुझान को जन्म दिया है। रिटायरमेंट हो स उनको ये सब प्रदान कर रहे हैं।

 

मौजूदा रुझान

हालांकि, भारत की 50 प्रतिशत से अधिक आबादी 25 वर्ष से कम है, लेकिन देश की उम्र तेजी से बढ़ रही है। अनुमानों के अनुसार, भारत की बढ़ती उम्र की आबादी सदी के मध्य तक काफी बढ़ेगी और सदी के मध्य तक देश में 323 मिलियन वरिष्ठ नागरिक होंगे। वास्तव में, संयुक्त राष्ट्र जनसंया विभाग के अनुसार, 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोग 2010 में 8 प्रतिशत से बढक़र 2050 में 1 9 प्रतिशत हो सकते हैं। ये आंकड़े खुद ही सारी कहानी बयां करते हैं। ऐसे में ये यह कहना गलत नहीं होगा कि देश में रिटायरमेंट हो स के विकास की व्यापक संभावनाएं हैं।

 

रिटायरमेंट हो स के लिए उभरती जगहें

रिटायरमेंट हो स का सबसे अधिक रुझान मुंबई के बाहरी इलाकों जैसे भिवंडी, दिल्ली-एनसीआर एरिया, बैंगलूरु, कोलकाता, चेन्नई, पुणे, कोयंबटूर, गोवा, चंडीगढ़, जयपुर, देहरादून में देखा जा रहा है और ये भारत में एक्टिव सीनियर लिविंग के गंतव्य के रूप में उभर रहे हैं।

 

उम्र के अनुकूल डिजाइन होते हैं

इसमें अपार्टमेंट्स में फिसलन-प्रतिरोधी टाइल्स और गोल किनारे वाली दीवारों के साथ ही हल्के रंगों वाले स्विचेज और बाथरूस में ग्रैब-बार्स, बेडरूम में नाइट लैपस और इमरजेंसी बेल शामिल हैं। इसके अलावा, फिसलन से बचाव के लिए अतिरिक्त उपाय किए जाते हैं।

 

सुरक्षित और सहज वातावरण

रिटायरमेंट हो स में इसके निवासियों को अधिकतम सुरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। इस प्रकार, वे प्रशिक्षित और सुसज्जित सुरक्षा कर्मचारियों द्वारा 24*7 रक्षा कर रहे हैं और चौबीस घंटे निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाते हैं।

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