एसबीआई ने अपने अकाउंट होल्डर्स को कहा है की आजकल इंटरनेट पर चोरी के जरिए लोगों के बैंक अकाउंट खाली किए जा रहे है। बैंक ने अपनी वेबसाइट पर बताया है कि ‘फिशिंग’ एक सामान्य किस्म की इंटरनेट चोरी है। इसका प्रयोग गोपनीय वित्तीय जानकारी, जैसे-बैंक खाता संख्या, नेट बैंकिंग पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड संख्या, व्यक्तिगत पहचान का ब्योरा आदि चुराने के लिए किया जाता है। इसमें हैकर, बाद में इस जानकारी का उपयोग पीड़ित व्यक्ति के खाते से पैसा निकालने या उसके क्रेडिट कार्डों से बिलों का भुगतान करने के लिए कर सकता है।
हैकर्स बड़ी आसानी से अकाउंट होल्डर्स की सारी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं। जानकारी मिलने के बाद हैकर्स सिर्फ चंद सेंकेड में अकाउंट खाली कर देते हैं। इस बात का पता अकाउंट होल्डर्स को तब चलता है जब वो अपने अकाउंट में देखता हैं। अकाउंट होल्डर्स को उस वक्त ये बात पता नही चलती है जब उसके बैंक से पैसे निकाले जाते हैं।
किसी भी ऐसे लिंक पर क्लिक न करें जोकि किसी अज्ञात स्रोत से ई-मेल के माध्यम से आया है। इसमें दुर्भावनापूर्ण कोड हो सकता है या यह एक ‘फिशिंग हमला’ हो सकता है। एक पॉप-अप विंडो के रूप में आने वाले किसी भी पेज पर कोई भी जानकारी न दें। कभी भी फोन पर या ई-मेल पर अवांछित अनुरोध के जवाब में अपना पासवर्ड न दें। हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि पासवर्ड, पिन, टिन, आदि की जानकारी पूरी तरह से गोपनीय है और यहां तक कि बैंक के कर्मचारियों / सेवा कर्मियों को भी ज्ञात नहीं होती। इसलिए, आप पूछे जाने पर भी इस तरह की जानकारी का खुलासा न करें।