सुकन्या समृद्धि स्कीम के तहत खाता खुलवाने पर हर साल इसमें कम से कम 250 रुपए जमा करना जरूरी होता है। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो उसे डिफॉल्ट अकाउंट माना जाता है। पहले के नियमों के अनुसार ऐसे अकाउंट पर पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट के लिए लागू दर से ब्याज दिया जाता था। जिससे स्कीम में निवेश करने वालों को ज्यादा फायदा नहीं होता था क्योंकि इसकी ब्याज दर कम है। वहीं नए नियमों के बाद से अब डिफाल्ट अकाउंट वालों को राहत मिलेगी। मिनिमम बैलेंस जमा न करने पर भी खाते पर स्कीम के लिए लागू दर से ब्याज मिलता रहेगा।
इस योजना में खाता बंद कराने के लिए पहले दो नियम मान्य थे। पहला बेटी की मौत और दूसरा उसके रहने का पता बदलने की स्थिति में संभव था, लेकिन अब नए नियम के तहत इसमें अनुकंपा के आधार पर खाता बंद करने की सुविधा दी गई है। ये ऐसी स्थिति है जिसमें खाताधारक की जानलेवा बीमारी व इलाज के चलते मौत या अभिभावक की मृत्यु शामिल है।
वैसे तो स्कीम के तहत दो बेटियों के लिए ही खाता खुलवाया जा सकता है, लेकिन एक बेटी के जन्म के बाद दो जुड़वा बेटी होने पर अन्य दो के लिए भी अकाउंट खुलवाने की सुविधा मिलती थी। हालांकि इसके लिए अभिभावक को केवल मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करना होता था। मगर अब नए नियम के तहत पैरेंट्स को जन्म प्रमाणपत्र के साथ एफिडेविट भी जमा करना होगा।
सुकन्या समृद्धि योजना के पहले नियमों के अनुसार बेटी को 10 साल की उम्र में खाता ऑपरेट करने की सुविधा मिलती थी, लेकिन अब उम्र की समय सीमा को बढ़ाकर 18 साल कर दिया गया है। अब बेटी के 18 साल पूरे होने पर जरूरी दस्तावेज डाकखाने में सबमिट करने के बाद ही उसे खाते को संचालित करने की आजादी मिलेगी। इससे पहले उसके पैरेंट्स खाते को संभालेंगे।
स्कीम के तहत कुछ अन्य नियमों में भी बदलाव किया गया है। इसके अंतर्गत अब खाते में ब्याज वित्त वर्ष के अंत में क्रेडिट किया जाएगा। साथ ही अगर खाते में गलत इंटरेस्ट डाल दिया गया हो तो उसे वापस पलटने के प्रावधान को हटाया गया है।