जानिए कैसे हो सकती है भाजपा की जीत
16 लाख से ज्यादा मतदाताओं वाली इस सीट पर 5 लाख के करीब यादव वोटर हैं, जबकि करीब तीन लाख लोध वोटर हैं। यानी यादव वोटर के बाद दूसरे पायदान पर लोध वोटर हैं। यादव परिवार के दो सदस्यों अक्षय और शिवपाल के आपस में टकराने से सपा का पारंपरिक वोट दो धड़ों में बंटा है। हालांकि सपा और बसपा से गठबंधन करने के बाद सपा प्रत्याशी अक्षय यादव के बंटे हुए वोटों की भरपायी बसपा के पारंपरिक वोटों से हो सकती है। इस लिहाज से देखा जाए तो अक्षय यादव अपने चाचा शिवपाल पर भारी पड़ सकते हैं।
लेकिन फिर भी अक्षय यादव के सामने भाजपा प्रत्याशी चन्द्रसेन जादौन बड़ी चुनौती बनकर सामने आ सकते हैं। इसका कारण है कि चंन्द्रसेन जादौन लोध राजपूत जाति से ताल्लुक रखते हैं। फिरोजाबाद में लोध वोटर दूसरे पायदान पर हैं यानी जादौन को एक तरफ तो भाजपा के सवर्ण वोटरों के साथ लोध वोटरों का भी सीधा लाभ मिलेगा। सुहागनगरी में सवर्णों वोटों की बात करें तो 1.65 लाख ठाकुर, 1.47 लाख ब्राह्मण वोटर हैं। इसमें यदि वैश्य और कायस्थ वोटर को मिला दिया जाए तो सवर्ण वोटरों की संख्या करीब पांच लाख के आसपास रहेगी। इसमें अगर लोध वोटरों को भी जोड़ दिया जाए तो संख्या करीब 8 लाख के होगी।
इन स्थितियों के बीच सुहागनगरी के लोग अक्षय यादव और चन्द्रसेन जादौन के बीच टक्कर का मुकाबला मान रहे हैं। कुछ लोग सपा प्रत्याशी की जीत तय मान रहे हैं तो कुछ का मानना है कि त्रिकोणीय मुकाबले में इस बार भाजपा बाजी मार सकती है। इस बारे में भाजपा के ब्रज क्षेत्र के आईटी सेल के प्रमुख गौरव वार्ष्णेय का कहना है कि जन संवाद के आधार पर कहा जा सकता है कि इस बार भाजपा को सुहागनगरी में जीत मिलेगी क्योंकि भाजपा की उज्जवला योजना, आवास योजना जैसी तमाम योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर पर जन जन तक पहुंचा है। लोगों को अहसास हुआ है कि वाकई इन पांच सालों में विकास हुआ है।