मामला फ़िरोज़ाबाद के थाना रामगढ़ क्षेत्र का है। जहां मोहल्ला हबीबगंज निवासी एक गरीब मुस्लिम परिवार रहता है। महिला मुखिया सकीरन बेगम का बेटा अली तीन महीने पहले वेटर का काम करने के लिए पड़ोसी युवकों के साथ कहीं बाहर गया था। दो दिन बाद सभी युवक वापस लौटकर आ गए लेकिन महिला का बेटा वापस नहीं आया। इस पर महिला ने पुलिस से मामले की शिकायत की। पुलिस कुछ दिन तक उसके वापस आने का इंतजार करती रही लेकिन वह फिर भी घर वापस नहीं आया।
पीड़ित मां का कहना है कि पुलिस उसे हर बार टरका रही है। कभी उसे आगरा भेज देती है तो कभी और कहीं भेज देती है लेकिन अभी तक उसकी गुमशुदगी भी दर्ज नहीं की गई है। साथ गए युवकों से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनका बेटा यमुना नदी में नहाते समय डूब गया है। परिजनों का आरोप है कि पड़ोसी युवकों ने ही उसे मार दिया है और जब वह थाने में शिकायत करने गए तो पुलिस ने मुकदमा लिखना भी उचित नही समझा। यहां तक कि जब परिवार पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचे तो एसएसपी ने भी एक न सुनी और यमुना नदी के सीमा विवाद में पीड़ित परिवार को आगरा जनपद का मामला बताकर वहां जाने को कहा।
पीड़ित परिवार फ़िरोज़ाबाद से लेकर आगरा तक के चक्कर लगाता रहा लेकिन उसकी एक न सुनी गई। पीड़ित परिवार ने न्याय के लिए मुख्यमंत्री पोर्टल, मानवाधिकार, राज्यपाल और राष्ट्रपति तक पत्राचार से गुहार लगाई है लेकिन इस पीड़ित परिवार की कोई सुनने वाला नही है। पीड़ित परिवार ने अब न्यायालय में न्याय के लिए गुहार लगाई है।