मामला दो दिन पुराना है। थाना खैरगढ़ क्षेत्र में सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया था। इस आयोजन की कवरेज के लिए एक अखबार के पत्रकार राहुल तिवारी वहां गए थे। उनके मुताबिक सामूहिक विवाह में एक व्यक्ति की दोबारा शादी की जा रही थी। वहीं दो से तीन फेरे कराकर शादी का मजाक बनाया जा रहा था। उन्होंने इसकी कवरेज करने के बाद जब खंड विकास अधिकारी हाथवंत से उनका पक्ष जानना चाहा तो वह नाराज हो गईं और भला बुरा कहने लगीं।
पत्रकार का आरोप है कि बीडीओ ने इसकी जानकारी भाजपा जिलाध्यक्ष मानवेन्द्र को दी तो उन्होंने पत्रकार को बुलाकर उसका कैमरा और आईकार्ड छींन लिया। भला बुरा कहते हुए वहां से भगा दिया। उसके बाद पत्रकार घर वापस आ गया। रात्रि को बीडीओ ने पत्रकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पत्रकार दूसरे दिन सुबह तहरीर लेकर थाने गया लेकिन पुलिस ने उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की।
मामले को लेकर पत्रकार संघ का एक प्रतिनिधि मंडल डीएम चन्द्र विजय और एसएसपी सचिन्द्र पटेल से मिला। डीएम ने आश्वासन दिया है कि मामले की पूरी जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। वहीं एसएसपी का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। फिलहाल बीडीओ की तहरीर पर पत्रकार के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने की धारा में मुकदमा दर्ज कराया गया है। जांच के बाद कुछ कहा जा सकेगा।
मामले को लेकर पत्रकारों ने चेतावनी दी है कि खुलेआम पत्रकारों का हनन किया जा रहा है। उनकी स्वतंत्रता पर पाबंदी लगाई जा रही है। अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। चौथे स्तंभ का गला घोंटने का काम किया जा रहा है। यदि पत्रकार पर लगाए गए मुकदमे को वापस नहीं लिया गया तो मजबूरन पत्रकार अनिश्चित कालीन धरने परा बैठेंगे। इसकी जिम्मेदारी पुलिस और प्रशासन की होगी।