जसराना में किसी रिश्तेदार के यहां रह रहे रामवीर मिश्रा ने खड़ीत गांव में आवास के लिए पट्टा आवंटन का आवेदन दिया था। फिर लेखपाल सतेन्द्र श्रीवास्तव से मांग की थी। लेखपाल ने उसे बाद में फोन करने की बात कहते हुए टरका दिया था। दो दिन बाद शुक्रवार को पीड़ित तहसील पहुंच गया। लेखपाल ने अभी व्यस्त होने की बात कहते हुए खड़ीत निवासी रोशनलाल के घर पर दोपहर को डेढ़ से दो बजे के बीच में मिलने को कहा।
पीड़ित बताए गए स्थान पर पहुंच गया। जहां उसके दो साथी और भी थे। जहां लेखपाल पहले से कुर्सी पर बैठा था। पीड़ित ने दो पांच—पांच सौ के दो नोट निकालकर लेखपाल को दिए और पांच सौ रुपये बाद में देने की बात कही। लेखपाल फिर एक हजार रुपए की और मांग करने लगा। इसका पीड़ित ने विरोध किया और काम होने पर 500 रुपये देने की बात कहते हुए एक हजार रुपये दे दिए। लेखपाल ने एक हजार रुपए चश्मे के कवर में रख लिए। फिर उसका काम होने की बात कहते हुए चलता बना।
जसराना निवासी रामवीर मिश्रा ने बताया कि हमारे हल्के का लेखपाल सतेन्द्र श्रीवास्तव है। वह बहुत भ्रष्ट है। इसने चारागाह की जमीन को भी घिरवा दिया है। इसे बर्खास्त किया जाना चाहिए। पट्टे के आवंटन के लिए लेखपाल ने रिश्वत ली है। लेखपाल द्वारा पट्टे के आवंटन के लिए डेढ़ हजार रुपए की मांग की थी। एक हजार रुपए दे दिए थे, बाकी काम होने पर 500 रुपये देने की बात हुई।
फिरोजाबाद में विगत एक माह के अंदर तीन लेखपाल रिश्वत लेते हुए कैमरे में कैद हो चुके हैं। इनमें पहला फिरोजाबाद के मक्खनपुर, दूसरा शिकोहाबाद और तीसरा अब जसराना के लेखपाल पकड़ में आया है। दो लेखपाल निलंबित किए जा चुके हैं। इसका अन्य लेखपालों पर कोई असर नहीं है। वे रिश्वतखोरी जमकर कर रहे हैं।