मेडिकल कॉलेज अस्पताल में घायल और मरीजों को एक्सरे कराने के लिए भी घंटों लाइन में लगना पड़ता है। लोगों को एक दिन एक्सरे कराने और दूसरे दिन रिपोर्ट लेने अस्पताल आना पड़ता है। दिक्कत की वजह डिजिटल एक्सरे मशीन का खराब होना है। जापानी तकनीकी की यह मशीन करीब एक साल से खराब है। ऐसे में सिर्फ एक मशीन से ही एक्सरे हो पा रहा है। अस्पताल में रोजाना करीब 150 से 200 मरीज और घायलों का एक्सरे किया जाता है। मरीजों की सहूलियत के लिए करीब तीन साल पहले बड़ी डिजिटल एक्सरे मशीन लगवाई गई थी लेकिन एक वर्ष पहले केबिल में खराबी आने की वजह से यह मशीन शोपीस बन गई। हालांकि दो पोर्टेबल डिजिटल एक्सरे मशीन भी हैं, लेकिन उनसे एक्सरे कभी- कभार ही किया जाता है। ऐसे में मैनुअल एक्सरे मशीन पर भार बढ़ गया है। इसका खामियाजा एक्सरे कराने आने वाले लोगों को भुगतना पड़ता है।
सीएमएस डा. श्याम मोहन गुप्ता ने बताया कि बड़ी डिजिटल एक्सरे मशीन की मरम्मत कराने के लिए 16.88 लाख रुपये का एस्टीमेट इंजीनियर ने बनाया था। बजट स्वीकृति के लिए उसे शासन को भेजा गया है। बजट मिलने के बाद मशीन की मरम्मत कराई जा सकेगी। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट के दो पद हैं। दोनों करीब दो साल से खाली पड़े हैं। इस समस्या का निदान कराने के लिए आगरा मंडल के अपर निदेशक चिकित्सा, स्वास्थ्य कार्यालय ने आगरा जिला अस्पताल के तीन रेडियोलॉजिस्ट को मेडिकल कॉलेज अस्पताल से संबद्ध किया है। तीनों डॉक्टरों की ड्यूटी यहां 15-15 दिन के लिए लगाई जाती है।