एसएसपी ने कहा कि त्यौहार आपसी भाई चारा और प्रेम को बढ़ाने में सहायक होते हैं। यह रंग बिरंगी रोशनी में नहाने का त्यौहार है। दीपावली के पर्व पर आतिशबाजी करते समय बच्चे अपना ख्याल रखें। किसी बड़े जन की निगरानी में ही आतिशबाजी करें। गौरतलब है कि पटाखों के बिकने न बिकने पर पूरे देश में बहस छिड़ी है।
तेज धमाकों वाले पटाखों से बचें उन्होंने कहा कि बच्चों को तेज धमाके वाले पटाखों से दूर रहना चाहिए। तेज धमाके हमारे कान और शरीर के लिए नुकसान देेह हैं। इनसे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता है। दीपालवी के दौरान प्रदूषण बढने से दौरे, रक्तचाप, दमा, श्वांस, एलर्जी, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ जाता है। कभी-कभी तेज धमाकों से कान का पर्दा फटने का डर बना रहता है। धमाके वाले पटाखों से वातावरण में 15 डेसीबल आवाज का स्तर बढ़ जाता है।
प्रदूषण से बचने को करेंगे जागरूक एसएसपी ने कहा कि पटाखों से होने वाले ध्वनि और वायु प्रदूषण के लिए जागरूक करना होगा। इसके लिए फायर ब्रिगेड, विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को भी प्रदूषण के प्रति जागरूक किया गया। इस दौरान विद्यालय की छात्राओं के साथ ही शिक्षक-शिक्षिकाएं और आस-पास के लोग मौजूद रहे।