सांठ—गांठ से चल रहीं थीं
अस्पताल के स्टाफ की सांठ-गांठ से मरीजों को अस्पताल से रेफर कराने के बाद में आगरा में प्राइवेट नर्सिंग होम में बेच (भर्ती कराने पर कमीशन) दिया जाता है। डीएम को इसके संबंध में कई दिन से शिकायत मिल रही थी। शुक्रवार सुबह साढ़े ग्यारह बजे डीएम नेहा शर्मा ट्रॉमा सेंटर पर आईं। ट्रॉमा के बाहर ही कार खड़ी मिली, इन्हें हटाने के बाद एंबुलेंस की तलाश हुई तो ट्रॉमा सेंटर, टीबी अस्पताल, महिला अस्पताल, जिला चिकित्सालय के समीप पांच प्राइवेट एंबुलेंस खड़ीं मिलीं।
पूछताछ में खुली पोल
पूछताछ में चालकों ने एंबुलेंस जैन नगर और आसपास के लोगों की बताई। पता चला कि यह लोग दबंगई के बल पर अस्पताल कैंपस में इन्हें खड़ा करते हैं। इस पर जिलाधिकारी ने टीएसआइ जितेंद्र सिंह और टीआइ रामदत्त को बुलाया। यातायात पुलिस क्रेन लेकर पहुंची तथा एंबुलेंसों को सीज कर दबरई पुलिस लाइन ले गई। एंबुलेंस पर कार्रवाई के बाद में डीएम ने ट्रॉमा सेंटर में आपात चिकित्सा कक्ष, ड्रग स्टोर और टॉयलेट का निरीक्षण किया। टॉयलेट में गंदगी मिलीं। इस पर उन्होंने स्वीपर और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को डांट लगाई और साफ-सफाई के निर्देश दिए। डीएम ने यहां भर्ती रोगियों से बात कर इलाज के बारे में जानकारी प्राप्त की।
चालान नहीं, सीज करो
डीएम के बुलाने पर पहुंची यातायात पुलिस इन एंबुलेंस का सिर्फ चालान करना चाहती थी, लेकिन जब डीएम ने सख्ती दिखाते हुए सीज करने के आदेश दिए तो पुलिस ने आनन-फानन में इन्हें सीज किया।