बताते चलें कि जिला संयुक्त अस्पताल में बीते कई महीनों से एक व्यक्ति को खुद को अस्पताल स्टाफ बताते हुये यहां लाइन में लगने वाली भीड़ से ठगी करता था। कभी किसी से चार सौ, दो सौ, पांच सौ रूपये लेकर कुत्ते काटे के इंजेक्शन लगवाने, दवा दिलवाने तो किशोरियों को एकांत में ले जाकर दवा लगाने की बात कहता था। कई लोगों से पैसे लेकर जा चुका था आज भीड़ में से कुछ लोगों ने पहचान कर पकड़ लिया। वहां रिटायर्ड फौजी भी आ गये। फिर क्या था उसकी जबरदस्त धुनाई की। व्यक्ति ने अपना नाम गांधी नगर निवासी अनिल बताया। इसके साथ ही उसके सहयोगी का नाम अस्पताल में ही कार्यरत डोरीलाल नामक व्यक्ति बताया। फिलहाल चौकी पुलिस आ गयी थी। युवक को पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया।
ऐसा कोई पहला मामला नहीं है जबकि अस्पताल में ठगी करने का मामला प्रकाश में आया हो। पहले भी ऐसे कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं। इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा ऐसे लोगों के विरूद्ध कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती। इसके चलते मरीजों को ठगी का शिकार होना पड़ता है।