सफलता की सबसे पहली सीढ़ी हमारे माता—पिता से होकर गुजरती है। प्रत्येक माता—पिता को चाहिए कि वह अपने बच्चों को स्कूल भेजें। स्कूल के प्रति सजग होना चाहिए। स्कूल में उन्हें काफी कुछ सिखाया जाता है जिससे उनकी नींव मजबूत होती है। यदि नींव मजबूत होती है तो उस पर मजबूत इमारत खड़ी हो सकती है। जिस क्षेत्र में आप काम करते हैं उस क्षेत्र में महारथ हासिल करने के लिए पूरी मेहनत और लगन से काम करना होगा।
उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे बच्चे जिन्होंने बीएससी एग्रीकल्चर किया है तो वह पॉलीहाउस या नई तरीके से खेती करते हैं। किसानी के क्षेत्र में आते हैं तो वह देश के लिए बड़ी सफलता है। ऐसे बच्चे जो इंजीनियरिंग या अन्य क्षेत्र में जाना चाहते हैं तो उन्हें इसी तरीके से तैयारी करनी होगी। सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं होता। यदि हम यह सोचेें कि थोड़ी मेहनत करके सफलता हासिल कर सकें तो ऐसा नहीं होगा।
कंपटीशन अधिक नहीं है मुझे ऐसा लगता है कि आज भी जानकारों की कमी है। देश को जरूरत मंदों की हमेशा से जरूरत रही है और आज भी है। ऐसे में युवाओं को अपने मिशन और टारगेट के हिसाब से तैयारीर करनी चाहिए। हमने भी अपने मिशन को ध्यान में रखते हुए तैयारी की और आज अपना मुकाम हासिल किया है।