शहर में संचालित कारखानों से भी काफी प्रदूषण निकलता है। इसके अलावा शहर में ध्वनि, वायु प्रदूषण की स्थिति भी चिंताजनक है। ताज ट्रिपेजियम जोन में शामिल फिरोजाबाद की आवो हवा काफी जहरीली हो चुकी है। वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सुहागनगरी में कई वर्षो से कोयला और लकड़ी के ईंधन जलाने पर रोक लगी हुई है।
खेतों में पराली जलाने पर भी प्रशासन ने प्रतिबंद्ध लगा दिया है। इसके बाद भी प्रदूषण का ग्राफ फिरोजाबाद में काफी अधिक है। फिरोजाबाद नगर पालिका से नगर निगम हो गया लेकिन नगर निगम बनने के बाद भी शहर के कूड़ा निस्तारण को उचित प्रबंध नहीं हो सके। इसके चलते कूड़े में जगह—जगह आग लगाकर उसका निस्तारण करने का काम किया जाता है। प्रदूषण से बचाने के लिए शहर में लाल और ओरेंज श्रेणी के उद्योग स्थापना पर रोक लगी हुई है। ग्रीन बेल्ट की कवायद आज भी शहर में अधूरी पड़ी है।
शहर में बढ़ते प्रदूषण का एक कारण वो निर्माण कार्य भी हैं जो खुले में कराए जा रहे हैं। जबकि इस बारे में एनजीटी के स्पष्ट निर्देश भी हैं लेकिन इस पर अफसर ध्यान नहीं देते हैं। शासन ने निर्माण सामग्री और स्थल को ढकने, समुचित पानी के छिड़काव, निर्माण सामग्री को ढक कर लाना और ले जाना और निर्माण और ध्वस्तीकरण के समय भी स्थल को ढकने के निर्देश दिए थे।