पूरा मामला फिरोजाबाद जिले की टूंडला बीआरसी का है। जहां उसी कैंपस में संचालित प्राइमरी और जूनियर स्कूल के बच्चों के सिर पर जूते की बोरियों को उठवाकर दूसरी जगह रखवाया जा रहा है। एक बच्चा तो बोरी सिर पर रखते ही गिर गया जबकि एक बच्चे को बोरी उठाई नहीं जा रही थी फिर भी उसके सिर पर रखवाई और सिर पर रखते ही उसके सिर से जूते रखी बोरियां गिर गईं। ऐसे ही कई बच्चों से शिक्षकों द्वारा जूते की बोरियों को उठवाया गया।
दरअसल सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को सरकार द्वारा निश्शुल्क जूते वितरित किए जाने हैं। जिन्हें मुख्यालय कार्यालय से बीआरसी पर भेजा गया है। इन बोरियों में बच्चों के पहनने के लिए जूते रखे हुए हैं। जिन्हें शिक्षकों द्वारा बच्चों के सिर पर उठाकर रखवाया जा रहा है। जूतों की भारी बोरियों को उठाने के लिए जबकि कर्मचारी लगाए जाने चाहिए थे या फिर मजदूर लगाकर वह उठवाए जाने चाहिए थे लेकिन ऐसा नहीं किया गया। चंद रुपए बचाने के लिए बच्चों को ही मजदूर बना दिया। इस मामले में बीएसए अरविंद पाठक का कहना है कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा किया है तो कार्रवाई की जाएगी।