रामाश्रम सत्संग भवन के गुरु पं. प्रभूदयाल शर्मा ने बताया कि गुरु चतुर्भुज सहाय के शिष्य पंडित मिहीलाल की स्मृति में इस अस्पताल का निर्माण कराया गया था। इस अस्पताल को संचालित करने के पीछे गरीब और जरूरत मंदों की जान बचाना है। 1993 में इसकी शुरूआत एक कमरे में की गई थी। एक जनवरी 2019 को इसे एक बड़े परिसर में स्थानांतरित किया गया। वर्तमान में अस्पमाल के अंदर पांच चिकित्सक कार्यरत हैं।
इनमें आंख, दांत, सामान्य बीमारियां, महिला संबंधी रोग का इलाज किया जाता है। एक माह के अंदर अस्पताल में आंख के 2262, दांत के 935, महिला संबंधी बीमारियों के 628 और सामान्य बीमारी के 3042 मरीजों की जांच की गई। चिकित्सकों की मेहनत और मरीजों के सफल इलाज को लेकर ही एक माह बाद ही अस्पताल को आईएसओ सर्टिफाई का दर्जा प्राप्त हो सका।
संत प्रभूदयाल शर्मा ने बताया कि आगे प्रयास किए जा रहे हैं कि मरीजों को घर से लाने-ले जाने की व्यवस्था प्रारंभ की जाए। इसके लिए वाहनों की व्यवस्था की जा रही है। इमरजेंसी की व्यवस्था भी शीघ्र प्रारंभ की जाएगी। इस मौके पर कृष्णकांत शर्मा, आलोक कुलश्रेष्ठ, सुनील कुमार, डाॅ. रजत गोयल, डाॅ. तिलकराज धींगरा, शंकरनाथ शर्मा, डाॅ. वंदना, अम्बरीश कुमार शर्मा, रामकुमार शर्मा, शिवनाथ शर्मा आदि मौजूद रहे।