मंगलवार को जातीय संघर्ष के बाद चनौरा गांव पुलिस की छावनी बना दिया गया है। पुलिस ने दस आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए कुशवाहा समाज के करीब डेढ़ सैकड़ा महिला-पुरुष शाम आसफाबाद क्षेत्र में धरना प्रदर्शन किया। कुशवाहा और जाटव समाज के लोगों में एक घंटे तक संघर्ष हुआ था। इस दौरान हमलावरों ने घरों में घुसकर तोड़फोड़ भी की थी।
इस घटना में आधा दर्जन लोग घायल हुए थे। घटना को देखते हुए गांव में पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है। बुधवार को गांव में शांति रही। रामगढ़ पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार किए अनिल पुत्र बहादुर, सुरेश, मदन पुत्र हुब्बलाल, उमेश, उमाशंकर और पुष्पेंद्र कुमार पुत्रगण लक्ष्मण, रामवन पुत्र कुंवरपाल, महेश पुत्र देवकिशोर, मनीष कुमार पुत्र मनपाल और रमेश को जेल भेज दिया।
कुशवाहा समाज के लोग आसफाबाद क्षेत्र में डॉ. एसपी लहरी की क्लीनिक के सामने धरना-प्रदर्शन पर बैठ गए। उनका कहना था कि पुलिस एकतरफा कार्रवाई कर रही है। आरोप है जाटव पक्ष की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है, जबकि उनकी तहरीर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। भाजपा जिलाध्यक्ष मानवेंद्र प्रताप सिंह और महानगर अध्यक्ष कन्हैयालाल गुप्ता मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से वार्ता की। भाजपा पदाधिकारियों ने उन्हें बताया कि उनकी तहरीर पर भी मुकदमा लिख लिया गया है। पुलिस निष्पक्ष कार्रवाई करेगी। इसके बाद लोग शांत हुए। सपा एमएलसी डॉ. दिलीप यादव और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने भी पीड़ितों से मुलाकात की। इस दौरान पुलिस फोर्स भी मौजूद रहा।