अक्षय यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव के नामांकन में शपथ लेते समय आरोप था कि शपथ सही तरीके से नहीं ली गई। वहीं भाजपा प्रत्याशी की भी इसी बात को लेकर शिकायत की गई थी। चाचा शिवपाल यादव की दूसरी शिकायत यह थी कि नामांकन में उन्होंने अपनी पार्टी का खुलकर नाम नहीं लिया। दोनों ही आपत्तियों को लेकर नामांकनों की जांच रिटर्निंग अधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने की। जांच में दोनों ही आपत्त्यिों को खारिज कर दिया। अब प्रसपा, भाजपा प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।
गठबंधन प्रत्याशी अक्षय यादव ने कहा कि प्रसपा और भाजपा के प्रत्याशियों से उनका चुनाव होगा। जिन लोगों की सोच यह है कि इन्हें काम करना नहीं आता हमने यह साबित करके दिखाया है कि कि कागजों में हमें कितनी जानकारी है और आप जहां भी गलती करोगे हम आपकी पूंछ दबा देंगे। प्रसपा प्रत्याशी को चुनाव लड़ने से रोके जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम प्रसपा और भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं। जब मैं अंदर गया तो प्रसपा और भाजपा के एजेंट आपस में घुल मिलकर बातें कर रहे थे। हाथ में हाथ डालकर कागज शेयर कर रहे थे। ऐसी में कहीं न कहीं भाजपा और प्रसपा साथ में चुनाव लड़ रहे हैं यह देखने को मिला है।