हर साल दस फरवरी को विश्व दलहन दिवस दालों के महत्त्व को बताने के लिए मनाया जाता है। अरहर दाल पोषक तत्त्व: प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, सोडियम, फॉस्फोरस, कॉपर, सिलेनियम,
जिंक और मैंगनीज।
जिंक और मैंगनीज।
प्रयोग विधि: इसे सब्जियों या पालक के साथ भी बनाया जा सकता है। सांभर की तरह बनाकर भी खा सकते हैं।
फायदा: वजन नियंत्रित करती। डायबिटीज रोगियों के लिए बेहतर। हृदय रोग का खतरा कम।
फायदा: वजन नियंत्रित करती। डायबिटीज रोगियों के लिए बेहतर। हृदय रोग का खतरा कम।
मूंग दाल पोषक तत्त्व: अमीनो एसिड, फाइबर, पोटैशियम, फॉस्फोरस, जिंक, मैग्नीशियम, कॉपर और मैगनीज।
प्रयोग विधि: खिचड़ी बना सकते। अंकुरित कर स्प्राउट्स चाट बना सकते हैं। मूंग की दाल का पानी सूप की तरह बनाकर पी सकते हैं।
प्रयोग विधि: खिचड़ी बना सकते। अंकुरित कर स्प्राउट्स चाट बना सकते हैं। मूंग की दाल का पानी सूप की तरह बनाकर पी सकते हैं।
फायदा: हीट स्ट्रोक में असरकारक, कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करती। हाई बीपी व डायबिटीज को कंट्रोल रखती है। उड़द दाल पोषक तत्त्व: प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, विटामिन बी व फाइबर।
प्रयोग विधि: इस दाल से दही वड़ा बनाकर खा सकते हैं। उसके अलावा सांभर वड़ा बना सकते हैं। दक्षिण भारत में इस दाल का उपयोग इडली और डोसा बनाने में किया जाता है।
प्रयोग विधि: इस दाल से दही वड़ा बनाकर खा सकते हैं। उसके अलावा सांभर वड़ा बना सकते हैं। दक्षिण भारत में इस दाल का उपयोग इडली और डोसा बनाने में किया जाता है।
फायदा : हड्डियों की ताकत बढ़ती है। रक्त संचार को बेहतर करती है। शरीर ऊर्जावान बना रहता है। मसूर दाल पोषक तत्त्व: प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, विटामिन बी व फाइबर।
प्रयोग विधि: इस दाल से दही वड़ा बनाकर खा सकते हैं। उसके अलावा सांभर वड़ा बना सकते हैं। दक्षिण भारत में इस दाल का उपयोग इडली और डोसा बनाने में किया जाता है।
प्रयोग विधि: इस दाल से दही वड़ा बनाकर खा सकते हैं। उसके अलावा सांभर वड़ा बना सकते हैं। दक्षिण भारत में इस दाल का उपयोग इडली और डोसा बनाने में किया जाता है।
फायदा: हड्डियों की ताकत बढ़ती है। रक्त संचार को बेहतर करती है। शरीर ऊर्जावान बना रहता है।
राजमा पोषक तत्त्व: विटामिन थियामिन, फाइबर, प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट। प्रयोग विधि: टमाटर की ग्रेवी के साथ बना सकते हैं। चावल में अन्य सब्जियों के साथ डालकर पुलाव की तरह बना सकते हैं। टमाटर-प्याज के साथ राजमा की चाट बनाई जा सकती है।
राजमा पोषक तत्त्व: विटामिन थियामिन, फाइबर, प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट। प्रयोग विधि: टमाटर की ग्रेवी के साथ बना सकते हैं। चावल में अन्य सब्जियों के साथ डालकर पुलाव की तरह बना सकते हैं। टमाटर-प्याज के साथ राजमा की चाट बनाई जा सकती है।
फायदा: कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। शुगर का स्तर नियंत्रित रखता है। दाल पकाने का सही तरीका दाल को बनाने से पहले अच्छे से धो लें। बर्तन में दाल के साथ पानी और नमक डालकर धीमी आंच पर 15-20 मिनट तक अच्छे से पकाएं। स्वाद के लिए इसमें थोड़ा पानी डालकर तड़का भी लगा सकते हैं।
इसलिए रोजाना जरूरी है दाल आप अपने वजन के प्रति किलो के हिसाब से एक ग्राम प्रोटीन का सेवन कर सकते हैं। अगर आपका वजन 60 किलो है तो 55 से 60 ग्राम प्रोटीन भोजन के जरिए ले सकते हैं। एक कटोरी दाल की बात करें तो उसमें करीब 10 ग्राम प्रोटीन होता है।