मामला 7 अक्टूबर का है, जब ग़ज़ा पट्टी से हमास ने इजराइल पर हमला किया था। इस दिन हमास के दो बंदूकधारी इज़राइल के किबुत्ज़ निर ओज़ में रहने वाली 90 साल की एस्तेर कूनियो के घर में घुस गए। लेकिन कूनियो घबराई नहीं और उसके बाद जो उन्होंने किया वह किसी ने नहीं सोचा था। कूनियो ने हमास के बंदूकधारियों से बात की और उन्हें बताया कि वे फुटबॉलर लियोनेल मेसी के देश अर्जेंटीना से हैं।
मेसी का जादू काम कर गया। हमास ने ना केवल महिला को छोड़ दिया। बल्कि अपनी असॉल्ट राइफल उनके हाथ में पकड़ाई और एक सेल्फी भी क्लिक की। ‘द टाइम्स ऑफ इज़राइल’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हमले के दौरान 90 वर्षीय महिला के विस्तारित परिवार के आठ सदस्यों को बंधक बना लिया गया था। उनके दो पोते और उनकी गर्लफ्रेंड अभी भी गाजा में बंधक हैं। जबकि उनके परिवार के बाकी सदस्यों को युद्धविराम समझौते के तहत रिहा कर दिया गया है।
इस घटना के करीब पांच महीने बाद, कूनियो हमास हमले पर बनाने वाली एक डॉक्यूमेंट्री में काम करने वाली हैं। इस दौरान कूनियो ने इस घटना का जिक्र किया और फिल्म में बताया कि 7 अक्टूबर को हमास के दो लड़कों ने उनके दरवाजे पर दस्तक दी और उसके परिवार के बारे में पूछा। कूनियो इससे घबराई नहीं और उन्होंने उनसे बात करने कि कोशिश की। बातचीत के दौरान कूनियो ने हमास के उन लड़कों से फुटबॉल की चर्चा करना शुरू कर दी। कूनियो ने उनसे पूछा क्या वे फुटबॉल देखते हैं? इसपर एक लड़के ने सर हिलाते हुए हां कहा। इसपर कूनियो ने कहा, ‘मैं उसी देश से हूं, जहां से मेसी हैं।’
कूनियो के मुंह से अपने पसंदीद फुटबॉल खिलाड़ी का नाम सुनकर वह खुश हो गया और कहा, ‘मुझे मेसी बहुत पसंद है।’ इसके बाद उसने कूनियो से अपनी राइफल पकड़ने को कहा और मेसी की तरह उंगली ऊपर कर के एक सेल्फी क्लिक की। कूनियो ने इस घटना को याद करते हुए उम्मीद जताई कि इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म के मध्यान से शायद मेसी को पता चल जाएगा कि उन्हीं की वजह से वह आज ज़िंदा हैं।