शक्कर नदी समेत तहसील भर में तर्पण श्राद्ध का दौर आरंभ
गाडरवारा•Sep 25, 2018 / 06:48 pm•
ajay khare
pitrapaksh 2018
गाडरवारा। मंगलवार से पितृ आराधना के महापर्व पितृ पक्ष का आगाज हो गया। इस मौके पर लोगों ने प्रतिवर्ष अनुसार अपने दिवंगत पितरों को तर्पण के दौरान पानी देकर तप्त करने का कर्तव्य निभाया। अब लगातार 15 दिनों सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या तक रोजाना प्रात:काल लोग नदी तट पर अपने पूर्वजों को पानी देने पहुंचेंगे। जहां पंडित द्वारा लोगों को नदी तट पर पानी के पास कतार में बिठाकर मंत्रोच्चार से तर्पण करा रहे हैं। पंडित द्वारा विधि विधान से यहां हर साल पितृ तर्पण कराए जाते हैं। जिसमें सैकड़ों नागरिक तर्पण करने पहुंचते हैं। बताया जाता है कि अमावस्या को उक्त लोग पंडितजी को दान दक्षिणा प्रदान करते हैं। गाडरवारा नगर के अलावा सभी समीपी ग्रामीण अंचलों में भी लोगों ने सुबह अपने पितरों का तर्पण किया। गौरतलब रहे कि पितृ पक्ष में पूर्वजों को तृप्त करने का एकमात्र साधन तर्पण एवं श्राद्ध ही बताए गए हैं। ऐसी मान्यता है कि जो लोग अपने पूर्वजों को तृप्त नहीं करते, उनके पूर्वज उन्हे श्राप देकर जाते हैं। जिसके दुष्परिणाम तरह तरह के संकटों के रूप में भुगतने पड़ते हैं। वहीं जो विधि विधान से तर्पण श्राद्ध करते हैं। उनके पूर्वज आशीष देकर जाते हैं, जिससे उनके घरों में सुख संपदा आती है। इसी लोकमान्यता का पालन करने एवं पितृ ऋण चुकाने लोग तर्पण एवं श्राद्ध करते हैं। इसी के चलते जिनके पूर्वजों के निधन प्रतिपदा तिथि को हुए उनके द्वारा श्राद्ध किया गया। तर्पण के अलावा लोग सुबह से ही छतों पर कौओं को बुलाकर कागौर में पितरों के नाम से निकाला भोजन खिलाने का प्रयास करते रहे। अनेक लोग पूरे पितृ पक्ष के दौरान नियम संयम से रहते हैं। मांस मदिरा एवं अनेक प्रकार के व्यस्नों से दूर रहकर पितरों की सेवा तर्पण एवं श्राद्ध के माध्यम से करते हैं। पहले दिन से ही समूचा अंचल पितृ आराधना में लीन नजर आया।
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