श्रीमद भागवत कथा में बताया भक्ति का मार्ग
गाडरवारा•Sep 03, 2018 / 03:39 pm•
ajay khare
Bhagwat
कौंडिय़ा। गांव के जवाहर चौक स्थित बड़े मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद भागवत कथा में अमरकंटक से पधारी वैष्णवी गोस्वामी एवं पंडित संदीप गिरी गोस्वामी ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा सुनने से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट हो जाते हैं। इसके ज्ञान से आध्यात्मिकता जागृत होती है, वहीं मोह माया दूर होती है। भागवत ज्ञान का अनुसरण कर सच्चा भक्त भवसागर पार कर जाता है। इसलिए भागवत कथा को कल्पवृक्ष कहा गया है। कलियुग में श्रीमद भागवत महापुराण श्रवण कल्पवृक्ष से भी बढ़कर है। क्योंकि कल्पवृक्ष मात्र तीन वस्तु अर्थ, धर्म और काम ही दे सकता है। मुक्ति और भक्ति नही दे सकता। लेकिन श्रीमद भागवत तो दिव्य कल्पतरु है यह अर्थ, धर्म, काम के साथ साथ भक्ति और मुक्ति प्रदान करके जीव को परम पद प्राप्त कराता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद भागवत केवल पुस्तक नही साक्षात श्रीकृष्ण स्वरुप है। इसके एक एक अक्षर में श्रीकृष्ण समाये हुये है। उन्होंने कहा कि कथा सुनना समस्त दान, व्रत, तीर्थ, पुण्यादि कर्मो से बढ़कर है। धुन्धकारी जैसे शराबी, महापापी, प्रेतआत्मा का उद्धार हो जाता है। साथ साथ परीक्षित को श्राप कैसे लगा तथा भगवान शुकदेव उन्हे मुक्ति प्रदान करने के लिए कैसे प्रगट हुए इत्यादि कथाओं का भावपूर्ण वर्णन किया। श्रीमद भागवत तो दिव्य कल्पतरु है यह अर्थ, धर्म, काम के साथ साथ भक्ति और मुक्ति प्रदान करके जीव को परम पद प्राप्त कराता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद भागवत केवल पुस्तक नही साक्षात श्रीकृष्ण स्वरुप है। इसके एक एक अक्षर में श्रीकृष्ण समाये हुये है। उन्होंने कहा कि कथा सुनना समस्त दान, व्रत, तीर्थ, पुण्यादि कर्मो से बढ़कर है। धुन्धकारी जैसे शराबी, महापापी, प्रेतआत्मा का उद्धार हो जाता है। साथ साथ परीक्षित को श्राप कैसे लगा तथा भगवान शुकदेव उन्हे मुक्ति प्रदान करने के लिए कैसे प्रगट हुए इत्यादि कथाओं का भावपूर्ण वर्णन किया। इत्यादि कथाओं का भावपूर्ण वर्णन किया।
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