एसडीएम दफ्तर आवेदन करने पहुंचे किसान वासुदेव, रेखराम, नवीराम के साथ ही अण्डिल्य राम ने बताया कि सिंचाई विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को बारिश से पहले अवगत करा दिया गया था कि केनाल का मेड कभी भी टूट सकता है। ऐसे में इसकी मरम्मत की आवश्यकता है। इसके बाद भी सिंचाई विभाग के जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया। वहीं उनकी लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
किसानों ने मामले में एसडीएम निर्भय साहू को आवेदन कर जांच की मांग करते हुए उचित मुआवजा दिए जाने का मांग की है।डेढ़ लाख हुआ बर्बाद : मामले में आवेदन सौंपने पहुंचे किसानों ने बताया उन्होंने नागर लगवाकर खेत को बोने लायक बनाया था। इसके बाद सोसाईटी से ऋण लेकर उन्होंने खाद और बीज की खरीदी किया था। वहीं हफ्तेभर तक कड़ी मेहनत करने के बाद फसल लगाई थी।
इसके बाद अचानक नदी में पानी भरने के बाद कोदोबेड़ा के केनाल के गेट को समय रहते बंद नहीं किया गया, इसी के चलते ही दबनई के बुढ़ाबाहाल के पास पानी ज्यादा आने के चलते केनाल फूट गया। इसी के बदौलत ही पूरे 120 एकड़ का फसल बर्बाद हो चुकी है। वहीं धान का अंकुरित हुआ फसल भी सडऩे लगी है। मामले में किसानों (FARMERS) ने साफ कर दिया कि उन्होंने मेहनत से फसल लगाने के लिए बीज ऋण के रूप में लिया है, ऐसे में किसी भी स्थिति में लापरवाही बरतने वाले को वे नहीं छोड़ेंगे।