12 अप्रैल 2019 को दो नर वन भैसा के बीच आपसी लड़ाई से यह वनभैंसा जुगाड़ू जख़्मी हो गया।अनुमानित 23 – 24 वर्ष के उम्र के वनभैंसा का उपचार कक्ष क्रमांक 13 , बिट कुरुभाटा , सर्किल जुगाड़ , रेज उत्तर उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में किया जा रहा है। उपचार स्थल इन्द्रवन नदी के किनारे है।ग्रामीणों का इस वन भैसा से काफी लगाव है।यह वन भैसा इस ग्राम के इर्द गिर्द के वनक्षेत्रों में रहवास करता है।जुगाड़ू की अधिक उम्र हो जाने के कारण वह 2- 3 दिनों से बीमार है, बूढा हो गया है और अगले पैर में चलने में तकलीफ हो रही है।
अन्तः स्थलीय सरक्षंण में वनभैंसा की औसतन उम्र 20 -22 वर्ष की होती है । अपने समीप किसी भी प्रकार से मॉनवो की उपस्थिति , शोरगुल, किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप बर्दास्त नही कर पाते । इसलिए इसके उपचार में दक्ष टीम सिरिंज प्रोजेक्टर का उपयोग कर दवा उसके शरीर मे पहुचा रहे है।
इन वन भैसों में डॉक्टर आर .पी. मिश्रा वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया अपने ट्रेकर्स एवं सहायको के साथ सतत निगरानी में लगे हुए है। जिसमे स्थानीय ग्रामीणों का सकारात्मक सहयोग देखने को मिल रहा है।पूर्वान्ह 11.35 बजे दवा इंजेक्ट किया गया है । आब्जर्वेशन जारी है ।आज इस उपचार दल का नेतृत्व डॉ जयकिशोर जड़िया एवम श्री रायस्थ उप निदेशक उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व गरियाबन्द ने सयुक्त रूप से किया।