पर्व के चौथे और अंतिम दिन नगर के पूर्वांचलवासी नए कपड़ों में सजे-धजे और महिलाएं सोलह शृंगार कर बाजे-गाजे के साथ सुबह 4 बजे ही त्रिवेणी संगम के महानदी छोर पर स्थित नेहरू घाट पहुंच गए। नदी किनारे घाट पर बनाए गए पंडाल में पुरुष और बच्चे रुक गए जबकि व्रती महिलाएं हाथों में पूजन सामग्री लेकर महानदी के ठंडे जल में खड़ी होकर सूर्य के उदय होने का इंतजार करने लगीं।
6 बजकर 20 मिनट पर जैसे ही सूर्य देव के दर्शन हुए, महिलाओं ने पूजन सामग्री किनारे रखकर हाथों में रखे लोटे में भरे पानी से भगवान सूर्य को अघ्र्य दिया। इसके बाद पूजन सामग्री को नदी में अर्पित कर नदी में ही 5 बार दूध के साथ गोल घूमते हुए जल में अर्पित किया। इसके बाद नदी किनारे पंडाल में आकर इन महिलाओं ने आपस में एक-दूसरे को नाक से लेकर मांग के अंतिम किनारे तक सिंदूर लगाकर छठ पर्व संपन्न होने की बधाई दी।
पुरुषों और बच्चों ने भी एक-दूसरे को बधाई देते हुए मुंह मीठा कराया। तत्पश्चात घर जाकर महिलाओं ने फलाहार कर अपना-अपना व्रत तोड़ा।छठ समापन के अवसर पर सुबह भाजपा और कांग्रेस के अभनपुर से अधिकृत प्रत्याशी चन्द्रशेखर साहू और धनेन्द्र साहू अपने-अपने समर्थकों के साथ नेहरु घाट पहुंचे और समस्त पूर्वांचलवासियों को छठ महापर्व की बधाई दी। इतना ही नहीं दोनों उम्मीदवारों ने दलगत राजनीति को किनारे रखकर एक-दूसरे को भी बधाई दी।
पूर्वांचलियों ने दोनों राजनेताओं और उनके समर्थकों सहित मौके पर उपस्थित विभिन्न धर्म-सम्प्रदाय के लोगों को प्रसाद देकर उनके महापर्व के समापन अवसर पर पहुंचने के लिए धन्यवाद दिया। छठ पर्व का समस्त आयोजन उत्तर भारतीय भोजपुरी समाज छठपर्व आयोजन समिति के तत्वावधान में किया गया।