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गरियाबंद

मौसम की ये खबर डरा देगी आपको, समय से पहले मानसून आना अच्छा नहीं..

किसानों को मौसम विशेषज्ञों की सहला के मुताबिक बुआई करना चाहिए

गरियाबंदJun 17, 2018 / 05:30 pm

चंदू निर्मलकर

Chhattisgarh Weather News

मौसम की ये खबर डरा देगी किसानों को, समय से पहले मानसून आना अच्छा नहीं

सूरजपुरा (भाटापारा). छत्तीसगढ़ में समय से पहले मानसून आना अच्छी बारिश के संकेत नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब जब मानसून ने समय से पहले प्रदेश में दस्तक दी तब-तब बारिश कम हुई है। इस साल मानसून ने तय समय से 5 दिन पहले ही प्रदेश में प्रवेश कर लिया है। लेकिन बादलों की मेहरबानी कितनी रहेगी इसे लेकर सभी के मन में अंदेशा अभी भी बना हुआ है। किसनों को मौसम विशेषज्ञों की सहला के मुताबिक बुआई करना चाहिए । आंकड़े बताते हैं कि बीते छह साल में ऐसा दो बार हो चुका है।

जब-जब समय से पहले आया मानसून तब-तब हुई कम बारिश
कृषि विभाग किसानों को बेहद सावधान रहकर फसल चयन की सलाह दे रहे हैं। हालांकि अभी बोनी ने रफ्तार नहीं पकड़ी है। लेकिन इसमें चालू सप्ताह के अंत तक तेजी आने की पूरी-पूरी संभावना है। मौसम के पल-पल के मिजाज पर नजर रख रहे मौसम वैज्ञानिक खुश है कि मानसून ने तय समय से 5 दिन पहले प्रदेश में दस्तक दे दी है, लेकिन कहीं न कहीं यह आशंका भी है कि वर्ष 2014 और 2015 के जैसा न हो जाए। यह इसलिए कि विभाग के पास दर्ज आंकड़े बता रहे हैं कि जब-जब मानसून ने तय समय से पहले प्रवेश किया है। तब-तब औसतन बारिश की मात्रा कम ही रही है।

लगातार गिरावट की ओर बारिश
भारतीय मौसम विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र ने बारिश अच्छी रहने का भरोसा जताया है। औसत बारिश और मानसून सत्र के दर्ज आंकड़े यह बता रहे हैं कि औसत बारिश की मात्रा में लगातार कमी आ रही है। कम से कम बीते 4 साल के आंकड़े से यही स्पष्ट हो रहा है। सन 2014 से यह लगातार गिरावट की ओर है। इसी साल 1105, 2015 में 1009, 2016 और 2017 में 1010 मिलीमीटर बारिश हुई। यह सूखे की बहुत बड़ी वजह बनी।

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किसान चिंतित
बीते 4 साल की स्थितियों से सबक लेते हुए किसानों का रूख इस बार बेहद सावधानी भरा है। खाद-बीज की तैयारी की जा चुकी है, लेकिन बोनी ने रफ्तार नहीं पकड़ी है। यह काम आने वाले कुछ दिनों बाद तेज हो सकता है, क्योंकि इस बार किसान ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहते जिसका दुष्परिणाम उन्हें आर्थिक क्षति के रूप में भुगताना पड़े।

मानसून और बारिश की स्थिति

सन् कब आया औसत बारिश
2011 14 जून 1220 मिमी.
2012 17 जून 1227 ममी.
2013 19 जून 1165 मिमी.
2014 14 जून 1105 मिमी.
2015 11 जून 1009 मिमी.
2016 18 जून 1010 मिमी.
2017 17 जून 1010 मिमी.
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसआर पटेल ने बताया कि यह सही है कि औसत बारिश की मात्रा लगातार कम हो रही है। इसे समय से पहले मानसून प्रवेश से नहीं जोड़ा जाना चाहिए लेकिन इतना तो तय है कि औसत बारिश घटते क्रम पर है।

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