प्रशासन द्वारा इस पर लगाम नहींलगाई गई तो पूर्व की भांति 7 रुपए का गुड़ाखू डिब्बा पुनः 100 रुपए में बिकने लगेगा। थोक में 200 रुपए में मिलने वाला एक पैकेट गुड़ाखु इन दिनों 350 रुपए में धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। व्यापारी ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में आम जनता के जेब में डाका डाल रहे हैं। इस संबंध में लोगों ने चर्चा में बताया कि यदि समय रहते इन व्यापारियों पर लगाम नहीं कसा गया तो मई माह में जो स्थिति हुई थी वह एक बार फिर 7 रुपए के गुड़ाखू की डिबिया 100 रुपए तक बेची जा सकती है।
बता दें कि जिला प्रशासन ने रायपुर में लॉकडाउन फिर जारी करने के आदेश दिल है।लॉकडाउन की घोषणा होते ही 1र में एक बार फिर गुड़ाखू की कालाबाजारी जमकर होने लगी है। जिन व्यापारियों के पास गुड़िया का स्टॉक है वे 7 रुपए में मिलने वाले गुड़ाखू को 15 से 25 रुपए में बेच रहे हैं। प्रशासन द्वारा समय रहते कालाबाजारी करने वाले व्यापारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नहीं की तो आने वाले दिनों में मई माह की स्थिति निर्मित हो जाएगी। ज्ञात हो कि ग्रामीण इलाकों में गुड़ाखू को मंजन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।