आरती करके उन्हें गर्भगृह से बाहर लेकर आए और बाहर अस्थायी रुप से बनें उनकी मौसी गुंडिचा के घर ले गए। मंदिर के पुजारी रविशंकर महाराज ने वहां उनकी आरती उतारी और भोग लगाया, इस अवसर पर मंदिर के सर्वराकार मोहन अग्रवाल सहित नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। सोशल डिस्टेंस रखते हुए, लोगों ने भगवान के दर्शन किए व प्रसाद ग्रहण किया। स्थानीय पुलिस प्रशासन के साथ आमजन भी उपस्थित थे।
भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना की पं. ब्रम्हदत्त शास्त्री ने
पंडित ब्रह्मदत्त शास्त्री ने कहा कि जगन्नाथ भगवान की रथयात्रा का उत्सव विश्व के 164 देशों मे मनाया जाता है। महाप्रभु जगन्नाथ अपने भक्तों पर करूणा कृपा करके मंदिर से बाहर निकलकर आमजनों को दर्शन देकर निहाल कर देते हैं।
वे लोग जो अपने धर्म, पंथ, आलस्य या प्रमादवश मंदिर नहीं आ पाते हैं उन पर भी भगवान की कृपा दृष्टि की वृष्टि हो जाती है। आज भी अपने भक्तों पर भक्त वत्सल भगवान कृपा बरसा रहे हैं। हम सब उनसे प्रार्थना करते हैं कि कोरोना नामक महामारी के विश्व व्यापी संकट से हमारे देश और दुनिया को शीघ्र मुक्ति दिलाए और एक बार फि र हम उनकी रथयात्रा का आनन्द उत्सव अगले वर्ष बड़े धूमधाम से चौगुने उत्साह से मनाए।