मामले का खुलासा एसडीएम निर्भय साहू के द्वारा करचिया में अचानक दिए गए दबिश के बाद हुआ। एसडीएम को मुखबिर से सूचना मिली थी कि करचिया में एक घर के आगे ओडिशा का धान रखा हुआ है। ऐसे में एसडीएम ने तत्काल अपनी टीम के साथ मौके पर दबिश देकर संबंधित धान के विषय में जानकारी लेनी शुरू कर दी। इस दौरान धान करचिया के भोजराज मरकाम का होना बताया गया। एसडीएम ने कूपन के विषय में जानकारी ली।
इस दौरान भोजराज का 135 क्ंिवटल धान का कूपन कटाया मिला। वहीं, काटे गए कूपन के अनुपात में किसान के पास धान नहीं मिला। किसान ने खुद स्वीकार किया कि उसके पास मात्र 180 बोरी धान लगभग 75 क्ंिवटल के आसपास ही है। भोजराज ने धान अपना होना बताया। मामले में पंचनामा की कार्रवाई कर टोकन को लेकर जल्द ही उचित कदम उठाए जाने की बात एसडीएम ने कही है।
खाद्य विभाग को मिला दो प्रकरण
अधिकारी कूपन का सत्यापन किसानों के घर पहुंचकर कर रहे हैं। टीम ने ऐसे किसानों की सूची तैयार की है, जिनका 15 जनवरी की स्थिति में 100 क्ंिवटल से ज्यादा का टोकन काटा गया है। किसानों की सूची तैयार कर टोकन के सत्यापन के साथ ही धान की जानकारी के लिए सीधे किसानों के घरों में दबिश देकर काटे गए टोकन का सत्यापन कर रही है। जानकारी देते हुए सहायक खाद्य अधिकारी ने बताया कि टोकन के सत्यापन के दौरान टीम को बंदपारा में मोहन पिता बैध का 155 क्ंिवटल टोकन काटा हुआ मिला था।
इसके बाद मौके पर जाकर सत्यापन करने पर 100 क्ंिवटल धान पाया गया। इसी तरह पुरनापानी में पुस्तम् पिता दुखु का 150 क्ंिवटल का टोकन काटा हुआ मिला था, वहीं किसान के पास 135 क्ंिवटल धान ही पाया गया। मामले में भुनेश्वर चेलक की माने तो 15 जनवरी तक काटे गए 100 क्ंिवटल से ज्यादा वाले टोकन का सत्यापन खाद्य विभाग द्वारा की जा रही है।