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गरियाबंद

ऑनलाइन ठगी का नहीं निकला तोड़, नुकसान की भरपाई के लिए निजी कंपनियों ने शुरू किया ये काम

– बढ़ते मामले को देखते हुए निजी कंपनियों की पहल, त्योहारी सीजन में ऑनलाइन ठगी का खतरा ज्यादा।

गरियाबंदOct 30, 2020 / 10:56 pm

CG Desk

Complaint for Cyber Fraud on National Helpline No. 155260 & Reporting Platform, Modi Govt step for safe-secure digital payments

Complaint for Cyber Fraud on National Helpline No. 155260 & Reporting Platform, Modi Govt step for safe-secure digital payments

रायपुर। साइबर क्राइम के मामले जिस तेजी से बढ़ रहे हैं, उस तेजी सुरक्षा उपाय नहीं हो पा रहे हैं। खासकर के ऑनलाइन ठगी से बचने का कोई ठोस तरीका अब तक न पुलिस के पास है और न ही शासन के पास। ऑनलाइन ठगी ने अब यह नौबत ला दी है कि कई फाइनेंस कंपनियां और निजी फर्म साइबर ठगी से सुरक्षा के लिए बीमा योजना शुरू कर दी है।
इसमें अलग-अलग प्रीमियम राशि के आधार पर 50 हजार से लेकर 10 लाख रुपए तक की ठगी का बीमा कवर दिया जा रहा है। अर्थात अगर आपने 50 हजार रुपए का बीमा कराया है और आप 50 हजार रुपए की ऑनलाइन ठगी का शिकार होते हैं, तो बीमा कंपनी पूरा 50 हजार रुपए की भरपाई करेगी। ठगी की पूरी राशि का भुगतान करेगी। इस तरह की बीमा योजना शुरू करने वालों में बैंकिंग, बीमा और ऑनलाइन सेवा देने वाली कई कंपनियां शामिल हैं।
डिजीटल ट्रांजेक्शन बढ़ा
देश में कोराना संक्रमण बढऩे और लॉकडाउन के बाद बनी परिस्थितियों के चलते डिजिटल ट्रांजेक्शन तेजी से बढ़ा है। एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेटबैंकिंग का उपयोग और ऑनलाइन खरीदारी जैसी प्रवृत्ति में इजाफा हुआ है। इसके चलते साइबर क्राइम का खतरा भी बढ़ा है। इसके साथ अब त्योहारी सीजन शुरू होने के बाद डिजीटल ट्रांजेक्शन में और बढ़ोतरी होगी। इससे भी ठगी का खतरा रहेगा।
क्या है बीमा पॉलिसी में
जब किसी पॉलिसीधारक को किसी ऑनलाइन (साइबर) फ्रॉड या अन्य किसी तरीके से डिजिटल ट्रांजेक्शन में वित्तीय नुकसान होता है, तो इस बीमा पॉलिसी से उनके नुकसान की भरपाई की जाती है। इसका प्रीमियम अलग-अलग कंपनियों ने अलग-अलग निर्धारित कर रखा है। किसी ने हर दिन, तो किसी ने महीना निर्धारित किया है। प्रीमियम की दर भी 6.50 रुपए से लेकर 100 रुपए तक है। सम इंश्योर्ड भी 5० हजार से लेकर 10 लाख रुपए तक है। कुछ कंपनियों ने एक साल तक पॉलिसीधारकों के परिवार वालों को भी कवर में शामिल किया है।
सायबर फ्रॉड रोकने कोई ठोस उपाय नहीं
डिजीटल इंडिया में ऑनलाइन ठगी जैसे सायबर क्राइम को रोकने कोई ठोस उपाय अब तक सामने नहीं आया है। पुलिस या कोई अन्य एजेंसी भी ऑनलाइन फ्रॉड नहीं रोक पा रही है। फ्रॉड होने के बाद आरोपियों को पकडऩा भी पुलिस के लिए टेढ़ी खीर होती है। उल्लेखनीय है कि पिछले दो साल में रायपुर शहर में ही ऑनलाइन ठगी के मामले तेजी से बढ़े हैं। पहले जहां महीने में 5 से 10 शिकायतें मिलती थी, अब शिकायतों की संख्या 300 के पार हो गई हैं। हालांकि कई शिकायतें मामूली रकम की होती हैं।
अधिकांश मामले में पीड़ितों की चूक
पुलिस के मुताबिक ऑनलाइन ठगी का शिकार होने वाले 40 फीसदी मामलों में पीड़ित व्यक्ति की ही चूक रहती है। जागरूकता की कमी, बैंकिंग प्रणाली या इंटरनेट संबंधित जानकारी के अभाव में वे ऑनलाइन ठगी का शिकार हो जाते हैं। और 50 फीसदी लोग अपनी लालच के चक्कर में ठगी का शिकार होते हैं। बाकी अन्य कारणों से ऑनलाइन ठगी के शिकार होते हैं।

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