दरअसल, छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के राजिम-पितईबंद रोड पर आमापारा में दो लुटेरे फिल्मी स्टाइल में कारोबारी के घर में दुकान का सामान रखने का बहाना कर भीतर घुसे और जेवर समेत 6 लाख लूट कर फरार हो गए। पड़ोस में लूट की खबर उस समय लगी जब घर से बच्चों के रोने की आवाज आई।
पुलिस के मुताबिक राजिम के आमापारा में रहने वाले भोजराम साहू की राजिम गरियाबंद रोड पर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के पास देविका डेली नीड्स नाम से दुकान है। शनिवार को भोजराम साहू और उनके भाई दुकान पर थे जबकि आमापारा स्थित उनके निवास में पत्नी अपने दो छोटे बच्चों के साथ थी।
इस बीच दिन में 11.45 बजे दो नकाबपोश युवक एक बाइक पर भोजराम साहू के मकान का पता पूछते-पूछते पहुंचे। दोनों युवक हाथ में कार्टन लिए हुए थे। घर पहुंचकर उन्होंने दरवाजा खटखटाया। दरवाजा भोजराम की बेटी ने खोला। लुटेरों ने कहा, यह सामान अंदर रखना है, दुकान से लाए हैं।
बेटी ने कहा ठीक है, बात करके देखती हूं। उसका इतना कहना था कि लुटेरे उसे धक्का मारते हुए अंदर घुस गए और तुरंत उसके गले पर धारदार हथियार टिका दिया। बच्ची की चीख सुनकर जब उसकी मां कमरे से बाहर निकली तो आरोपी ने उसे धमकी देते हुए घर में रखा सारा नगदी और जेवरात उनके हवाले करने कहा।
बच्ची की जान मुसीबत में देख भोजराम की पत्नी ने सोने-चांदी के जेवरात और लगभग 6 लाख रुपए नगद उन्हें दे दिए, जिसे दोनों अपने साथ लाए काले रंग के बैग में रखकर मां और बच्चों को भीतर कमरे में बंद कर तेजी से बाइक से फरार हो गए।
जाते-जाते दोनों खुद को उत्तर प्रदेश के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का आदमी बता रहे थे। दिनदहाड़े लूट की घटना की जानकारी मिलते ही थाना प्रभारी आरके साहू मौके पर पहुंचे और आसपास के घर और दुकानों में लगे सीसीटीवी खंगालते हुए आरोपियों की पहचान की कोशिश करने लगे।
हालांकि, रात तक पुलिस को लुटेरों का कोई सुराग नहीं मिला सका। घटना के घंटे भर बाद गरियाबंद एमपी भोजराम पटेल भी मौके पर पहुंचे। एसपी पटेल के निर्देश पर टीम गठित की गई और जांच शुरू कर दी गई।