अमित शाह की वर्चुअल रैली के पूर्व आए बयान से गरमाई सियासत
चिराग पासवान का बयान इसलिए मायने रखता है कि यह अमित शाह की रविवार को हो रही वर्चुअल रैली के ऐन पहले आया। पासवान ने यह कहकर संशय और घटक दलों खासकर जदयू की बेचैनी बढ़ा दी है कि नेतृत्व के सवाल पर फैसला बीजेपी को करना है। उन्होंने यह बात बार बार दुहराई है कि बीजेपी गठबंधन का सबसे बड़ा दल है।अ गर वह नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का निर्णय करती है तो लोजपा उसके साथ रहेगी। यानी बीजेपी जो भी निर्णय करेगी, लोजपा उसके साथ है।
रैली के पूर्व बयान के मायने निकाले जा रहे
अमित शाह की रैली के पूर्व चिराग पासवान के इस वक्तव्य के अनेक मायने निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व के इशारों पर ही चिराग ने बयान देकर भावी सियासत के संकेत दे दिए हैं। चिराग पासवान ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ यात्रा के दौरान भी नीतीश कुमार सरकार के कामकाज की आलोचना की थी। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने सफाई भी दी और कहा कि नीतीश सरकार को लेकर उन्हें कोई नाराजगी नहीं है। पिछले दिनों चिराग के पिता और केंद्रीय मंत्री रामविचार पासवान ने भी कोरोना संकट से निबटने में बिहार सरकार के कामकाज के तरीकों पर असंतोष जताया था।
अमित शाह कर चुके हैं नीतीश के नेतृत्व के आग ऐलान
अमित शाह की वर्चुअल रैली से पहले आए लोजपा नेता के इस बयान से सियासत में नई चर्चाओं को बल मिला है। चुनाव में नीतीश के नेतृत्व के ऐलान को अमित शाह फिर से दुहराएंगे या चुप रहेंगे, इस बात को लेकर ही संशय गहरा गए हैं। भाजपा सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार के नेतृत्व पर कोई संशय नहीं है। 16 जनवरी को वैशाली में एक रैली के दौरान अमित शाह ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर नेता पद के बढ़ रहे विवाद पर पूर्ण विराम लगा दिया था।मगर चिराग पासवान ने इसे फिर से ताजा कर दिया है।
लॉकडाउन में तल्खी बढ़ी
आशंकाओं के बादल इसलिए भी मंडराने लगे हैं कि लॉकडाउन के दौरान भाजपा और जदयू के बीच तल्खी बढ़ती देखी गई। रामविलास पासवान के राज्य सरकार के कामकाज के प्रति असंतोष के अतिरिक्त लॉकडाउन के दरमियान की मुद्दों पर केंद्र्र और राज्य सरकार के बीच तल्खी देखी गई। प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मजदूरों और छात्रों की वापसी के लिए मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन की मर्यादा की बात उठाते हुए स्पष्ट दिशा निर्देश देने की मांग कर डाली। कोटा से छात्रों को वापस लाने के मसले पर अड़े रहे। एक भाजपा विधायक के खिलाफ कार्रवाई पर अड़ गए। विधायक अनिल सिंह सड़क मार्ग का पास लेकर कोटा से बेटी को लेकर नवादा लौटे थे। इन सवालों के बीच अमित शाह की रैली से पहले पासवान के बयान से माहौल गर्म हो उठा है। लोजपा बिहार विधानसभा की सभी 243 सीटों पर अपनी तैयारी पहले ही शुरु कर चुकी है।2015 में उसके हिस्से 42 सीटें मिली थीं। हालांकि पार्टी ने सिर्फ दो ही सीटें जीतीं।