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गाज़ियाबाद

Ghaziabad: प्रवासी मजदूरों को बांटे गए 58 लाख फूड पैकेट, 75 किचन में पकाया गया खाना

Highlights:
-जनपद में कुल 75 सरकारी और गैर सरकारी रसोई संचालित रहे
-क्वारंटाइन में ठहरे हुए लोगों और प्रवासी मजदूरों को सुबह-शाम भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए गए
-जिलाधिकारी ने इस बाबत जानकारी दी

गाज़ियाबादJun 05, 2020 / 10:59 am

Rahul Chauhan

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गाजियाबाद। कोविड-19 महामारी को लेकर सरकार द्वारा देशभर में लॉकडाउन किया गया। जिसके बाद दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लाखों प्रवासी मजदूर अपने गंतव्य के लिए रवाना हुए और दिल्ली से यूपी में आने के लिए सबसे पहले गाजियाबाद में ही उन्हें प्रवेश करना पड़ा। इन सभी मजदूरों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाने के साथ-साथ उनके खाने का भी प्रशासन की टीम के द्वारा विशेष इंतजाम किया गया और इस दौरान प्रशासन द्वारा जरूरत मंद लोगों को 58 लाख भोजन के पैकेट वितरण किए गए।
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इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण को लेकर जनपद के सभी लोगों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से सरकार द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार लाख डाउन को ज्यादा प्रभावी और सख्ती से लागू किया गया। इस दौरान जनपद गाजियाबाद की सीमा से होकर अपने गंतव्य को जाने वाले दिल्ली व अन्य प्रांतों के प्रवासी मजदूरों का पूरा ख्याल रखा गया। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे। इसका अनुपालन करते हुए जिला प्रशासन ने पूरी ईमानदारी और निष्ठा एवं पूर्ण सेवा भाव से इस तरफ कार्य किया है।
उन्होंने बताया कि शासन के निर्देशानुसार जनपद में लाभ डाउन की अवधि में फंसे सभी श्रमिकों को जिला प्रशासन ने उनके घरों तक बस के माध्यम से पहुंचाया गया।इतना ही नही रवानगी से पहले प्रशासन ने सभी बसों को सैनिटाइज कराया। सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए मौके पर जाने वाले सभी शर्मा को के खाने-पीने के पर्याप्त इंतजाम किए गए। जनपद में आने वाले प्रवासी मजदूर तथा गरीब एवं असहाय व जरूरतमंद लोगों को खाने पीने की किसी तरह की कोई परेशानी ना हो, इसके लिए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए।
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जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में जरूरतमंद लोगों को प्रतिदिन सुबह-शाम दोनों समय भोजन के पैकेट का वितरण हर हाल में सुनिश्चित कराया जाए कि जनपद में कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे। इसके अलावा खाने की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए फूड सेफ्टी अधिकारियों को भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए थे और इस दौरान सामुदायिक रसोई के स्टाफ प्रबंधन भी इस दौरान चौकन्ना रहा। प्रशासनिक टीम की पूरी सतर्क रहते हुए खाने की गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं किया गया। मैंने खुद जगह-जगह जाकर जिलाधिकारी ने खुद खाना खाया और उसकी गुणवत्ता की जांच की।
जिलाधिकारी ने बताया कि सरकारी कॉमिनिटी किचन एवं स्वैच्छिक संस्थाओं या एनजीओ के द्वारा संचालित कुल 75 किचन के माध्यम से जरूरतमंद लोगों को भोजन सामग्री या तैयार भोजन यानी फूड पैकेट का वितरण कराया गया। लॉक डाउन की अवधि में जनपद में कुल 75 सरकारी और गैर सरकारी रसोई संचालित रहे। जिनके माध्यम से निराश्रित लोग कारंटाइंड में ठहरे हुए लोगों और प्रवासी मजदूरों को सुबह-शाम दोनों समय के भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए गए हैं। इस दौरान 75 सरकारी और गैर सरकारी रसोई के माध्यम से जरूरतमंद लोगों को 58 लाख से अधिक खाने के पैकेट वितरित किए गए हैं।

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