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गाज़ियाबाद

मानवेन्द्र नहीं आए, कम्बल के लिए आई महिलाएं

सरकार के तीन साल का जश्न…सुबह से शाम तक इंतजार करने के बाद दिव्यांगों को मिली साइकिल, स्कूली बच्चों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से जुटाई भीड़

गाज़ियाबादDec 16, 2016 / 03:25 pm

moolaram barme

Barmer

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सरकार के तीन साल पूरे होने के जश्न में शिव विधायक मानवेन्द्रसिंह शरीक ही नहीं हुए। चौहटन विधायक तरूणराय कागा की जुबान फिसल गई और उन्होंने कहा कि जिनको यह भी नहीं पता कि लेक्चरर क्या होता है,
 उनको हमारी सरकार ने लेक्चरर बना दिया। भीड़ का हिस्सा बनी महिलाओं का कहना था कि वे तो कंबल लेने आई है, कंबल शाम तक मिलेंगे।

राज्य सरकार के कार्यकाल के तीन वर्ष पूर्ण होने पर गुरुवार को शहर के आदर्श स्टेडियम में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता सहकारिता मंत्री अजयसिंह क्लिक, जोधपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह राठौड़ व राजस्व मंत्री अमराराम चौधरी ने की। 
स्थानीय नेताओं ने कार्यक्रम में आनन फानन में भीड़ जुटाने का काम अपने स्तर पर किया। स्कूली बच्चों से लेकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को लाकर बिठाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह 10.30 बजे होना था। 
इस दौरान कई स्कूली बच्चों को लाकर कुर्सियों पर बिठा दिया। जिससे लगे की कुर्सिया भरी हुई हैं, जबकि वर्तमान में स्कूलों में अद्र्धवार्षिक परीक्षाए चल रही हैं। इसके बावजूद भी कई बच्चों को यहां लाकर बिठाया गया।
कम्बल के बहाने जुटाई भीड़

कार्यक्रम में भीड़ जुटाने के लिए गरीब तबके के लोगों को कम्बल देने का कहकर सुबह ही लाकर बिठा दिया। इसके बाद दोपहर के तीन बजे के बाद कुछ लोगों को कम्बल दी गई। कम्बल के लिए सुबह से शाम तक ये बैठे रहे।
शाम को मिली ट्राई साइकिल

कार्यक्रम के दौरान कई दिव्यांगों को ट्राई साइकिल देने के लिए सुबह ही बुला दिया गया लेकिन कार्यक्रम 12.30 बजे शुरू होने के बाद दोपहर बाद 3.30 बजे समाप्त हुआ।
 इसके बाद कुछ दिव्यांगों को मंत्री के हाथों साइकिल वितरित की गई। दिनभर के इंतजार के बाद शाम को दिव्यांग व्यक्तियों को साइकिलें मिली।

इधर कागा की जुबान फिसली

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए चौहटन विधायक तरूणराय कागा ने कहा कि पिछली सरकार ने कई वर्षों तक शिक्षकों की पद्दोन्नति नहीं की, लेकिन हमारी सरकार ने आते ही तृतीय श्रेणी को द्वितीय श्रेणी, द्वितीय श्रेणी को व्याख्याता बना दिए। 
शिक्षकों को ही पता नहीं कि व्याख्याता होते क्या है? ऐसे लोगों को व्याख्याता बना दिया। वो हमारे को आकर पूछते है कि व्याख्याता क्या है? सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र के अग्रणी काम किए।

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