कई मांगों को लेकर की थी हड़ताल दरअसल, नौ बैंक यूनियनों का प्रतिनिधित्व करने वाली यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने कई विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार को हड़ताल का आह्वान किया था। इसमें भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा सहित सार्वजनिक क्षेत्र के ज्यादातर बैंक शामिल हैं। सरकारी बैंकों के कर्मचारियों ने आज संगठनों के साथ मिलकर नवयुग मार्केट में पीएनबी बैंक के बाहर विरोध-प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मोदी सरकार के खिलाफ मुर्दाबाद के नारेबाजी करके लोगों ने अपना गुस्सा जाहिर किया।
निजीकरण का कर रहे हैं विरोध ऑल इंडिया बैंक इंप्लॉइज एसोसिएशन गाजियाबाद जनपद (एआईबीईए) के जनरल सेकेट्ररी आरके जैन ने बताया कि सभी निजीकरण का विरोध कर रहे हैं। जनता के धन की लूट को रोकने और सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों की रक्षा के लिए ये कदम उठाए गए हैं। हड़ताल की वजह से क्लिय़रिंग के भी करीब साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये अटक गए हैं। भविष्य में भी अगर आलाकमान रणनीति बनाता है तो उसका समर्थन किया जाएगा। सिंडिकेट बैंक एंपलाइज यूनियन की राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य एसके गोयल ने बताया कि गाजियबाद में सभी सरकारी बैंक आज पूरी तरीके से बंद रखे गए हैं। मांगों को पूरा कराने के लिए मोदी सरकार को ये आइना दिखाया गया है। 250 शाखाओं के बंद होने से 500 करोड़ के करीब कारोबार प्रभावित होने की संभावना है।